कोरोना में स्कूलों की मनमानी वसूली: HC में 2 नवंबर को 6 स्कूलों के प्राचार्यों को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया
जबलपुर
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना (Corona) महामारी काल के दौरान स्कूलों में सिर्फ ट्यूशन फीस (tuition fee) ही लिए जाने के आदेश दिए थे, लेकिन अधिकांश स्कूलों द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए अभिभावकों से टयूशन फीस के अलावा अन्य मदों की भी फीस वसूली की गई थी. हाईकोर्ट के आदेश को न मानने पर एक अवमानना याचिका (contempt petition) दायर कर स्कूलों की मनमानी को चुनौती दी गई है.
छह स्कूलों के प्राचार्यों को किया गया तलब
याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने भोपाल के एनपीएस स्कूल के चेयरमैन सहित 6 स्कूलों के प्राचार्यों को व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में 2 नवंबर को उपस्थित होकर जवाब देने के निर्देश दिए हैं. यह अवमानना याचिका भोपाल के माय पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से दायर की गई है.
सागर पब्लिक स्कूल ने वसूल किए हैं अतिरिक्त फीस
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से दलील देते हुए अधिवक्ता हितेंद्र गोल्हानी ने न्यायालय को बताया कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विगत 4 नवंबर 2020 को निजी स्कूलों की फीस से संबंधित मामले में कहा था कि जब तक कोरोना समाप्त नहीं हो जाता तब तक निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा और कोई फीस वसूल नहीं करेंगे. आरोप है कि इसके बावजूद भी सागर पब्लिक स्कूल की सभी शाखाओं में शैक्षणिक सत्र 2021-2022 में टयूशन फीस के अतिरिक्त भी फीस वसूल की गई है.
न्यायालय ने सख्ती बरतते हुए एनपीएस स्कूल के चेयरमेन, साकेत नगर स्कूल के प्राचार्य पंकज शर्मा, कटारा हिल्स स्कूल के प्राचार्य प्राची वर्मा, गांधीनगर अयोध्या बायपास स्कूल की प्राचार्य अल्पना प्रभु, रोहित नगर स्कूल की प्राचार्य मधुबाला चौहान और रश्मि सेठ को व्यक्तिगत तौर पर आगामी 2 नवंबर को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर जवाब देने के निर्देश दिए है.