देव उठनी ग्यारस तुलसी शलिकराम के विवाह के साथ हुआ मड़ई का शुभारंभ
मांदर मृदंग ताल पर जम कर थिरके आहीर
डिंडोरी
जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलो मे भी देव उठनी ग्यारस की रही धूम यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की तिथी ग्यारस को देव उठनी के रुप मे बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के मान्यता अनुसार बताया जाता है की इसी तिथी मे तुलसी और शालिक राम का विवाह गन्ने का मंडप बनाकर किया गया था ।तब से इस तिथी के साथ ही सारे मंगलिक कर्यो की शुरुआत हो गई । इस दिन माताए बहिन दिन भर व्रत रखकर संध्या समय गन्ने का मंडप बनाकर कलश जलाकर दीप प्रोजोलिट कर माता तुलसी की पूजन अर्चन कर प्रसाद भोग लगाकर व्रत का समापन करते है।इस दिन सिंघाडा कन्दा साबूदाना एवं अन्य मीठा फलाहर करते है।इस दिन चावल का उपयोग नही किया जाता है।
मडई मे जमके थिरके आहीर
शहपुरा इसी के साथ ही मडई का भी शुभारंभ जनपद पंचायत शहपुरा मे हुआ जहा ग्रामीणो मे काफी उत्साह भी देखा गया डिंडोरी जिले का यह पहला मडई होता है जहा लोगो ने ग्यारस मे जमकर खरीदी की और बच्चो ने भी झूले झूले अहिरो ने भी लोगो का मनमोहा अपने परपरिक नृत्य के साथ। कोढ़ी से बना उनका पहनावा भी लोगो के आकर्षण का केंद्र बना रहा जिसे देखने के लिये लोगो मे काफी उत्साह भी देखा गया मांदर और मृदंग की थाप पर जमकर थिरके अहिरो को देखने लोगो की भीड़ भी देखी गई ।