श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज को जनभागीदारी में भी नहीं मिला अध्यक्ष
भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग ने दो दिन में 208 कॉलेजों में जनभागीदार अध्यक्ष नियुक्त कर दिए हैं। लेकिन राजधानी के हूजुर विधानसभा क्षेत्र का सबसे लोकप्रिय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज को जनभागीदारी अध्यक्ष नहीं मिल सका है। बताया जा रहा है कि इस कॉलेज के अध्यक्ष के नाम पर अभी सरकार की मोहर नहीं लगी है। यह नियुक्ति क्यों अटकी, इसका खुलासा भी नहीं किया गया है।
जनभागीदारी समिति अध्यक्षों की नियुक्यिां स्थानीय विधायकों की राय पर की गई हैं। जहां भाजपा के विधायक नहीं हैं, उन क्षेत्रों के कॉलेज के लिए संगठन से नाम भेजे गए थे। राजधानी के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज में क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा की तरफ से एक नाम भेजा गया था, लेकिन इस पर सरकार ने अपनी स्वीकृति नहीं दी है। बता दें कि यह नियुक्यिां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुमोदन के उपरांत ही होती हैं। पता चला है कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज के लिए विधायक द्वारा दिए गए नाम के अतिरिक्त कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अपनी ओर से कुछ अन्य नाम दे दिए हैं। इससे विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। उधर, सूत्रों का कहना है कि अगली लिस्ट में इस कॉलेज के लिए अध्यक्ष का नाम जारी हो जाएगा, विवाद जैसी कोई बात नहीं है।
आठ साल बाद हो सकी नियुक्तियां
प्रदेश के कॉलेजों में 2014 के बाद जनभागीदारी समिति के अध्यक्षों की नियुक्तियां नहीं हो सकी थीं। 2018 में कांग्रेस सरकार ने कुछ कॉलेजों में अध्यक्षों की नियुक्ति हुई थीं। डेढ़ साल बाद सरकार बदलने के बाद सभी नियुक्तियां निरस्त कर दी गई थीं। अब सीएम की सहमति पर प्रदेश के कॉलेजों में अध्यक्षों की नियुक्तियां कर दी गई हैं।
रातोंरात किया था स्थानांतरित
विधायक शर्मा को भाजपा सरकार गठित होने पर विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। इस दौरान उन्होंने जहांगीराबाद में संचालित बेनजीर कॉलेज को रातोंरात कोलार में स्थानांतरित करते हुए उसे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज कर दिया गया।