बच्चों की बीमारियों और कुपोषण के निदान के लिए सेहत की दस्तक
भोपाल
पाँच साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के स्तर को ठीक रखने के उद्देश्य से दस्तक अभियान 18 जुलाई से शुरू किया गया है। अभियान 31 अगस्त तक जारी रहेगा। अभियान में एएनएम, आशा और आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का संयुक्त दल घर-घर जाकर 5 वर्ष तक की उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच कर बीमारियों की पहचान करेगा। साथ ही उचित उपचार करवाना भी सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा इस अवधि में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा अभियान भी संचालित कर छोटे बच्चों में होने वाले दस्त रोग की पहचान प्रबंधन और उपचार के विषय में लोगों को जानकारी दी जाएगी। बच्चों में होने वाले निमोनिया की त्वरित पहचान करने, प्रबंधन करने और रेफरल के विषय में भी परिवारों को जागरूक किया जाएगा।
दस्तक अभियान में गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान और प्रबंधन की जानकारी लोगों को दी जाएगी। साथ ही 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों का डिजिटल हिमोग्लोबिनो मीटर के उपयोग से गंभीर एनीमिया अर्थात खून की कमी की स्क्रीनिंग कर उसका प्रबंधन किया जाएगा। दस्त की रोकथाम के लिए ओआरएस और जिंक के उपयोग के प्रति सामुदायिक जागरूकता लाई जाएगी। जिन घरों में 5 वर्ष तक की आयु के बच्चे हैं, वहाँ ओआरएस पेकेट्स का वितरण भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 9 माह से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को विटामिन "ए'' का घोल पिलाया जाएगा। बच्चों में दिखने वाली जन्मजात विकृतियों की पहचान कर उनमें आवश्यक प्रबंध किया जाएगा।
अभियान में बच्चों और शिशुओं को संतुलित आहार के विषय में जानकारी दी जाएगी। एसएनसीयू और एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों की बीमारी की स्क्रीनिंग और आवश्यकतानुसार रेफ़रल भी किया जाएगा। गृह भेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत और टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण भी किया जाएगा। संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्रीमती प्रियंका दास ने नागरिकों से अपील की है कि वे दस्तक अभियान में सहयोग प्रदान करें।