MPPSC के परीक्षार्थी पर अब आनलाइन कैमरे की निगरानी में देंगे परीक्षा
इंदौर
परीक्षा आयोजित करवाने में देरी के लिए युवाओं के निशाने पर बना मप्र लोकसेवा आयोग (पीएससी) अब नया प्रयोग करने जा रहा है। पीएससी ने साढ़े चार लाख अभ्यर्थियों की कैमरे से निगरानी का मन बनाया है। पीएससी की परीक्षाओं के दौरान सीसीटीवी लगाने का प्रस्ताव आयोग ने तैयार किया है। इसके लिए बकायदा टैंडर जारी कर प्रस्ताव भी बुला लिए गए हैं।
पीएससी ने सबसे बड़ी परीक्षाओं राज्य सेवा, राज्य वन सेवा और अन्य परीक्षाओं के लिए बनने वाले परीक्षा केंद्रों की आनलाइन कैमरे से निगरानी का प्रस्ताव तैयार किया है। आयोग के अनुसार राज्य सेवा और वन सेवा में प्रतिवर्ष करीब तीन लाख और अन्य परीक्षाओं में कुल मिलाकर एक लाख अभ्यर्थी हिस्सा लेते हैं। इन परीक्षाओं के दौरान हर केंद्र पर हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही हर कमरे और कैमरे का लाइव फीड पीएससी के इंदौर स्थित मुख्यालय पर दिया जाएगा। पीएससी राज्य सेवा और वन सेवा के लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर परीक्षा केंद्र बनाता है। सरकारी और निजी कालेज व स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनते हैं।
प्रदेश में केंद्रों की संख्या सैकड़ों में होती है। हर परीक्षा केंद्र पर अस्थाई रूप से परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरे लगेंगे और फिर हटाए जाएंगे। अब तक पीएससी तमाम परीक्षाओं में केंद्र पर पर्यवेक्षकों के साथ उड़नदस्ते में राज्य सेवा और पूर्व आइएएस अधिकारियों की टीमें बनाती है। साथ ही संभाग स्तर पर विशेष पर्यवेक्षक भी तैनात किया जाते हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच होने वाली परीक्षा में फुल बांह के कपड़ों से लेकर गहने, घड़ी और जूते तक पहनना परीक्षार्थियों के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इस बीच सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लेने पर अब सवाल भी खड़ा हो रहा है।
निगरानी के लिए पीएससी ने सीसीटीवी कैमरा लगाने के प्रस्ताव के लिए सोमवार को पीएससी मुख्यालय पर बोलीकर्ताओं की बैठक बुलाई है। 28 नवंबर तक प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। पीएससी के अनुसार अभ्यर्थियों और परीक्षा करवाने वालों की निगरानी के लिए सीसीटीवी लगाए जाएंगे। मुख्यालय से उन्हें देखा जा सकेगा। साथ ही शर्त रखी गई है कि कैमरे ऐसे लगाए जाए जिससे प्रश्नपत्र और अभ्यर्थी द्वारा लिखे जा रहे उत्तरों को न देखा जा सके। सवाल खड़े हो रहे हैं कि अस्थाई रूप से बनने वाले केंद्रों पर पीएससी कैमरे लगाने पर करोड़ों खर्च क्यों कर रहा है। दरअसल साल में एक-दो बार होने वाली परीक्षा के लिए हर बार कैमरे लगाने और निकालने पड़ेंगे, जबकि सुरक्षा और एहतियात के लिए पहले से तमाम प्रबंध किए जाते रहे हैं।