प्रदेश में पेसा के नियम सामाजिक समरसता और सद्भाव के संवाहक बनेंगे-CM
भोपाल
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार मध्यप्रदेश की यात्रा पर आई हैं। यहां उन्होंने शहडोल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में प्रदेश में ‘पेसा एक्ट’ लागू करने का ऐलान किया, वहीं वर्चुअल रूप से कई विकास कार्यों का शिलान्यास किया। इससे पहले राष्टÑपति झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू पहुंचीं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बिरसा मुंडा के परिजनों से भी मुलाकात की।
प्रदेश में आदिवासियों को अधिकार देने के लिए पेसा एक्ट लागू कर दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को शहडोल जिले के लालपुर में आयोजित सभा के दौरान इसके नियम लागू करने का ऐलान किया। बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाते हुए सरकार ने यह नए नियम राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में प्रदेश के 313 में से 89 जनपदों के ग्रामीण इलाकों में लागू किए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश के 89 विकासखंडों के ग्रामीण इलाकों में लागू हो रहे पेसा एक्ट से आदिवासियों के जीवन स्तर में बदलाव आएगा। पेसा के नियम सामाजिक समरसता और सद्भाव के संवाहक बनेंगे। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि ग्राम पंचायत या ग्राम सभा ऐसी किसी गतिविधि का समर्थन नहीं करेगी जिससे सामाजिक सद्भाव व समरसता को ठेस पहुंचे। इस एक्ट में आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन के उपयोग और सुरक्षा को लेकर अधिकार दिए गए हैं। आदिवासी अपने क्षेत्र में श्रमिकों के हित में फैसले करने के साथ परम्परा और सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के फैसले ले सकेंगे। इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मु भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर लालपुर शहडोल में जनजातीय गौरव दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुईं। वे रांची से जबलपुर होकर शहडोल पहुंचीं। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश की मंत्री मीना सिंह मांडवे, कुं. विजय शाह, बिसाहूलाल सिंह और प्रेमसिंह पटेल भी उपस्थित रहे।
शहडोल में आयोजित कार्यक्रम में बुलाए गए 11 जिलों के आदिवासी
शहडोल के लालपुर में हुए जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में प्रदेश के 11 जिलों के आदिवासी शामिल हुए। उन्हें लाने ले जाने का इंतजाम सरकार की ओर से किया गया। इसके अलावा प्रदेश के सभी अन्य जिलों में भी जनजातीय गौरव दिवस का कार्यक्रम आदिवासियों बाहुल्य इलाकों में मनाया गया। राष्ट्रपति कल मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में महिला स्व-सहायता समूह सम्मेलन में भाग लेंगी।
भारतमाला परियोजना के भोपाल प्रोजेक्ट का शिलान्यास
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शहडोल के बाद भोपाल आएंगी और भारतमाला परियोजना में एनएच-46 (पुराना एनएच-69) औबेदुल्लागंज से बैतूल इंटर कोरिडोर मार्ग जो भोपाल से नागपुर को कनेक्टिविटी देता है, उसका वर्चुअल शिलान्यास करेंगी। इस मार्ग का 12.38 किमी का क्षेत्र रातापानी वन्य-जीव अभयारण्य में आता है एवं रातापानी एरिया भोपाल-नागपुर कॉरिडोर का अधूरा भाग है। वन्य-जीव अभयारण्य क्षेत्र में पशु अंडरपास के प्रावधानों से वन्य-प्रणियों को आवागमन में आसान होगी। इसके निर्माण पर 417.51 करोड़ की लागत आएगी। इससे भोपाल, होशंगाबाद, बैतूल और नागपुर की बेहतर कनेक्टिविटी हो सकेगी। इसके साथ ही राष्ट्रपति रक्षा मंत्रालय की ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में मेक्सिमम माइक्रोवाइल कंटेनमेंट लेबोरेट्ररी (बीएसएल 4) का वर्चुअली शिलान्यास करेंगी।
राजभवन में परोसी जाएगी ओडिशा की डिश ‘पखाला भात’
राष्टÑपति द्रौपदी मुर्मू आज राजभवन में रुकेंगीं। यहां उनके सम्मान में यहां भोज दिया जाएगा। सादगीभरा जीवन जीने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सात्विक भोजन करती हैं। इसमें प्याज-लहसुन नहीं होता। उनके सात्विक भोजन का एक हिस्सा है ‘पखाला’। यह ओडिशा की पारंपरिक डिश है और उन्हें बहुत पसंद है। इसे लोग आम भाषा में पखाला भात कहते हैं। उनके भोजन में आदिवासी व्यंजन का जायका भी होगा।
भोपाल में गृह मंत्री नरोत्तम करेंगे स्वागत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के आज और कल भोपाल, जबलपुर और शहडोल आगमन पर अगवानी, विदाई और सत्कार के लिए राज्य मंत्रि-परिषद के 3 सदस्य मिनिस्टर-इन-वेटिंग नामांकित किए गए। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा 15 एवं 16 नवंबर को भोपाल विमानतल राष्ट्रपति की अगवानी करेंगे।