BJP की 144 कमजोर सीटों में मैनपुरी भी, जीत से आगाज का प्रयास; मंथन जारी
नई दिल्ली
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी ने 2024 लोकसभा की भी तैयारियां तेज कर दी हैं। बुधवार को ही भाजपा ने 144 ऐसी सीटों की समीक्षा की, जहां वह अपना प्रदर्शन कमजोर मानती हैं। इस दौरान केंद्रीय मंत्रियों ने कामों की जानकारी दी। खास बात है कि इनमें उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट का नाम भी शामिल है, जहां उपचुनाव होने हैं।
खबर है कि भाजपा की दो अहम बैठकें हुईं, जहां काम में जुटे केंद्रीय मंत्रियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को जानकारियां दी। पहली बैठक में धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडे, नित्यानंद राय समेत कई लोग मौजूद रहे। वहीं, अनुराग ठाकुर और जी किशन रेड्डी समेत कई नेता दूसरी बैठक का हिस्सा बने। 144 सीटों पर भाजपा को मजबूत करने का काम महासचिव विनोद तावड़े और सीटी रवि को सौंपा गया है।
दिसंबर है डेडलाइन
एक मीडिया रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से बताया गया कि मंत्रियों और अन्य नेताओं को साल के अंत तक सीटों पर दौरे पूरे करने के लिए कहा गया है। खबर है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में व्यस्त होने के चलते दिसंबर की डेडलाइन तय की गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी राज्यों के अधिकांश समूहों ने अपना काम पूरा कर लिया है। साथ ही गुजरात चुनाव के बाद लोगों से मिलने का सिलसिला शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रैलियों के संबोधन के जरिए कार्यक्रमों का हिस्सा बन सकते हैं।
मैनपुरी का पहले ही हो जाएगा फैसला
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। खबर है कि बुधवार को बैठक के दौरान इस सीट पर भी चर्चा की गई है। दरअसल, यहां भाजपा मुलायम के निधन से पहले ही लगातार अपना वोट शेयर सुधारने की कोशिश कर रही है। ऐसे में भाजपा इस उपचुनाव का फायदा अपना रिकॉर्ड सुधारने और लक्ष्य पूरा करने के लिए करना चाहेगी। इसके अलावा पार्टी की नजरे सपा के एक और गढ़ जसवंतनगर विधानसभा सीट पर भी हैं।
मैनपुरी में क्या हैं ताजा हाल
5 दिसंबर को मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने पिता का गढ़ बचाने के लिए पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारा है। जबकि, भाजपा के टिकट पर रघुराज सिंह शाक्य मैदान में हैं। उन्हें मुलायम के छोटे भाई और अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव का करीबी माना जाता है। करीब 2 दशकों से इस सीट पर यादव परिवार का कब्जा रहा है।
किसका पलड़ा भारी
भाजपा में लंबे विचार विमर्श के बाद शाक्य के नाम पर मुहर लगी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कहना है कि भाजपा को यह उपचुनाव जीतने का भरोसा है, क्योंकि लोग राज्य औक केंद्र सरकार के काम से खुश हैं। उन्होंने कहा कि प्रचार के दौरान पार्टी क्षेत्र के हर घर में इनके बारे में बात करेगी।
2019 के नतीजों ने जगाई थी आस
साल 2019 लोकसभा चुनाव में यहां नतीजे करीबी रहे थे। ऐसे में भाजपा 2022 उपचुनाव में यह गढ़ भेदने की उम्मीद कर रही है। साल 1996 से लगातार यहां सपा जीत का परचम फहराती रही है। कहा जा रहा है कि यादव मतदाताओं के बाद मैनपुरी सीट पर शाक्य वोटर्स की हिस्सेदारी सबसे बड़ी है। ऐसे में रघुराज की उम्मीदवारी पार्टी के लिए मददगार हो सकती है।