ग्रामीण आज भी अन्धेरे मे रहने को मजबूर, बिजली विभाग की लापरवाही से परेशान आम जन
डिंडोरी
हलाकि बिजली विभाग के कारनामे से सभी परचित है।जिला मुख्यालय मे ही बिजली की ऑख मिचोली विभाग द्वारा खेली जाती है तो ग्रामीण अंचलो के लिए क्या कहा जा सकता है।कभी मेंटनेंस के नाम पर तो कभी कुछ और बहाने से बिजली गुल रहती है। यह मामला है डिण्डौरी। विद्युत वितरण केंद्र अमरपुर के अंतर्गत भाखा माल गांव में बीते एक सप्ताह से गांव की बिजली सप्लाई बंद है। पहले बारिश में रही बिजली गुल, फिर ट्रांसफार्मर दे गया दगा यहां। पर लगा ट्रांसफार्मर खराब हो गया। जिसके कारण गांव में अंधेरा छाया हुआ है।यहां के लोग अंधेरे में रहने को मजबूर है।
ट्रांसफार्मर जलने की सूचना विभाग को दिए जाने के बाद भी अब तक इसे बदलने की दिशा में कार्रवाई नहीं की गई है, जिसका खमियाजा आम जन को भुगतना पड़ रहा है।जबकि बरसात के मौसम मे ग्रामीण क्षेत्रो मे अधिकतर कीड़े मकोड़े का अधिकांश डर रहता है।और ऐसे समय मे बिजली का गुल रहना खतरे से खाली नही ।फिर भी विभाग को इनकी समस्याओ से कोई लेना देना नही।जिससे ग्रामीणों में विभाग के प्रति आक्रोश है। लोगों ने बिजली विभाग के अधिकारी एवं क्षेत्रीय नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से बिजली प्रदाय करने का आग्रह किया एवं ट्रांसफार्मर बदलवाने की मांग रखी। इसके बावजूद भी एक हफ्ता से यहां की बिजली गोल है।
कामकाज हो रहा प्रभावित
बिजली नहीं होने से गांव की आटा चक्की, ट्यूबवेल एवं बिजली से संबंधित उपकरण बंद हो गए हैं। लोगों को भारी बरसात में बिजली ना होने के कारण रात्रिकालीन सांप बिच्छुओं का डर बना रहता हैं। रात के समय में अंधेरे में उनको भोजन नसीब होता है। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है।यहां तक की बिजली विभाग के अधिकारियों ने एक भी बार गांव के लोगों की समस्या को नहीं समझा। केवल अधिकारी बिजली के बिल भुगतान का रोना रो रहे हैं। जबकि सरकार द्वारा गरीबों की हित में अनेक योजना संचालित हो रही हैं। सरकार उनके लिए बिजली, पानी, मकान जैसी मूलभूत सुविधाएं देने के लिए योजना चला रही है।
80 प्रतिशत आबादी आदिवासी
विधानसभा शहपुरा का यह गांव भाखा माल जहां पर 80 फीसद आदिवासी निवास करते हैं, वहां पर बिजली पानी के लिए लोगों को भयंकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां के लोगों ने जनहित के लिए शीघ्र ही ट्रांसफार्मर बदलवाने की मांग की है गांव के लोगों ने बताया कि अगर अधिकारियों द्वारा शीघ्र ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाते हैं, तो गांव के लोग एकजुट होकर आंदोलन करेंगे जिसकी संपूर्ण जवाबदारी बिजली विभाग के अधिकारियों की होगी।