September 27, 2024

‘भारत जोड़ो यात्रा’ का एजेंडा नहीं थे सावरकर, खिलाफ बोलकर राहुल गांधी ने फेर दिया पानी: संजय राउत

0

नई दिल्ली

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि राहुल गांधी द्वारा स्वतंत्रता सेनानी वी डी सावरकर की आलोचना ने कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' के कारण पैदा हुई सकारात्मक ऊर्जा पर पानी फेर दिया। पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में अपने साप्ताहिक स्तंभ 'रोखठोक' में राज्यसभा सदस्य राउत ने सवाल किया कि राहुल गांधी लोगों की भावनाओं को छूने वाले मुद्दे क्यों उठा रहे हैं और भाजपा को ध्यान भटकाने का मौका दे रहे हैं।

गौरतलब है कि राहुल ने अपनी 'भारत जोड़ो' यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में इस सप्ताह की शुरुआत में सावरकर पर टिप्पणी की थी, जिसे लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया था कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और भय के चलते उन्हें माफीनामा लिखा था। धनशोधन के मामले में हाल में जमानत पर जेल से बाहर आये राउत ने कहा, ''मैंने जेल में तीन महीने बिताए। कई स्वतंत्रता सेनानियों को मुंबई में आर्थर रोड जेल में बंद किया गया था। वहां एक स्मारक है। एक आम कैदी के रूप में, जेल में एक दिन भी बिताना मुश्किल है।''

'सामना' के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा, ''सावरकर ने अंडमान सेल्युलर जेल में 10 से अधिक साल बिताए और कई मुश्किलों का सामना किया। ब्रिटिश शासन ने उन्हें धन शोधन के झूठे आरोपों पर गिरफ्तार नहीं किया था। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति की मशाल जलायी थी, इसलिए उन्हें अंडमान की जेल में रखा गया।'' उन्होंने कहा कि उम्रकैद की दो सजा का मतलब है कि जेल में 50 साल काटना। सावरकर के भाई नारायणराव को बिना शर्त रिहा कर दिया गया, जबकि सावरकर को शर्तों के साथ रिहा किया गया। इसे माफी नहीं कहा जा सकता। राउत ने लेखक वाई डी फडके की किताब में एक उद्धरण का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि सावरकर द्वारा लिखे पत्र का क्षमा याचना के रूप में गलत अर्थ निकाला गया। उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा कि यह जेल से रिहा होने की रणनीति थी।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भी 26 मई 1920 को 'यंग इंडिया' में लिखे अपने लेख के जरिए सावरकर और उनके भाई को रिहा करने की मांग की थी। राउत ने यह भी कहा कि अगर सावरकर ने जेल से रिहा होने के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ ''हिंसक तरीके'' पर खेद भी जताया था तो इसे आत्मसमर्पण करना नहीं, बल्कि एक रणनीति समझा जाना चाहिए। शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे के नेता ने कहा, ''आज कई नेता डर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष आत्मसमर्पण कर देते हैं, दल बदल लेते हैं और ईमानदारी गंवा देते हैं। सावरकर ने देश की आजादी के लिए 10 से अधिक वर्ष अंडमान जेल में बिताये।''

उन्होंने कहा कि सावरकर की आलोचना 'भारत जोड़ो यात्रा' का एजेंडा नहीं था। राउत ने दावा किया, ''सावरकर के खिलाफ बोलकर राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से पैदा हुई सकारात्मक ऊर्जा और विश्वास पर पानी फेर दिया।'' उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने आठ साल तक सत्ता में रहने के बावजूद सावरकर को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया। राउत ने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (भारत के प्रथम प्रधानमंत्री) जवाहरलाल नेहरू की छवि धूमिल करना बंद नहीं कर रहे हैं और राहुल गांधी भी सावरकर के साथ यही कर रहे हैं। यह देश के समक्ष एजेंडा नहीं है। इन परिस्थितियों में देश कैसे एकजुट हो सकता है।''

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *