November 26, 2024

यूक्रेन में ठंड से मर सकते हैं लाखों लोग, रूसी हमलों से ‘हीट और ईट’ का संकट

0

यूक्रेन  
साल की सर्दियां भारी गुजर सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि रूस ने यूक्रेन के बिजली घरों पर हमला बोला है, जिसके चलते कई इलाकों में बत्ती गुल है। राजधानी कीव में भी दिन भर में करीब एक या आधे घंटे ही बिजली रहती है। इसके चलते लोगों के सामने 'हीट और ईट' का संकट पैदा हो गया है। यानी लोगों के पास सर्दी से बचने और खाना बनाने के लिए जरूरी ईंधन की भी किल्लत पैदा हो गई है। संयुक्त राष्ट्र संघ का कहना है कि इसके चलते लाखों लोगों की जिंदगी पर खतरा पैदा हो गया है। इस बीच राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने देशवासियों से अपील की है कि वे ऊर्जा की बचत करें। 

जेलेंस्की ने यह अपील ऐसे वक्त में की है, जब रूस के हमलों के चलते यूक्रेन की ऊर्जा क्षमता आधी ही रह गई है। आशंका है कि मार्च तक कीव में भी संकट बना रह सकता है और बिजली की सप्लाई पर असर बना रहेगा। सर्दियों के महीनों में यूक्रेन के कई इलाकों में तापमान माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। ऐसे हालात में सर्दी से बचने के लिए बिजली की जरूरत रहती है ताकि रूम हीटर आदि इस्तेमाल किए जा सकें। लेकिन लाइट की कमी से इनका इस्तेमाल करना मुश्किल है। इसके अलावा ईंधन की कमी से खाना बनाने में भी मुश्किलें आ सकती हैं। 

वीडियो संदेश में वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, 'रूस के आतंकवादियों ने हमारे ऊर्जा सिस्टम पर बड़े हमले किए हैं। ऐसे में हमें ऊर्जा की खपत को लेकर ध्यान रखने की जरूरत है। इसका बेजा इस्तेमाल करने से बचना होगा।' इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेताया है कि यूक्रेन में लाखों लोगों के सामने जिंदगी की संकट है। वैश्विक संस्था ने कहा कि रूसी हमलों के चलते यूक्रेन में बिजली घरों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। इसके चलते करीब 10 लाख लोग अंधेरे में जी रहे हैं। सर्दियों से पहले यह संकट खड़ा हो गया है और अब उनके खाना बनाने और सर्दियों से बचने तक के लिए मुश्किल है। 

अस्पतालों को भी नहीं मिल रही बिजली, बंद करने पड़े कई
यही नहीं हालात यह हैं कि अस्पतालों तक में बिजली की सप्लाई नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में छोटे मेडिकल संस्थानों को बंद ही करना पड़ा है। यूरोप में विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय निदेशक हांस क्लूग ने कहा, 'अब तक चले युद्ध में यूक्रेन का हेल्थ सिस्टम सबसे बुरे दिनों से गुजर रहा है। 700 से ज्यादा हमले हुए हैं और अब बिजली तक का संकट पैदा हो गया है।'
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *