आजम खान के गढ़ में BJP को मुसलमानों पर भरोसा, रामपुर में तुर्क-पठानों को रिझाने की कोशिश
नई दिल्ली
भाजपा पूरे उत्तर प्रदेश में पसमांदा या दलित और पिछड़े मुसलमानों को अपने पाले में करने के लिए एक आउटरीच कार्यक्रम चला रही है, लेकिन भगवा खेमे को रामपुर उपचुनाव में उच्च जाति के मुसलमानों यानी पठानों और तुर्कों पर भरोसा है। बीजेपी एक महीने से अधिक समय से राज्य के विभिन्न हिस्सों में पसमांदा सम्मेलन कर रही है। इस महीने की शुरुआत में रामपुर में इसी तरह की बैठक की गई थी जिसमें उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भाग लिया था।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा के प्रति अपनी गहरी धार्मिक मान्यताओं और संदेह को देखते हुए इस समुदाय को जीतना भगवा खेमे के लिए मुश्किल है। इन मुसलमानों का समर्थन हासिल करने के लिए पार्टी का लक्ष्य रामपुर उपचुनाव से कहीं अधिक 2024 का लोकसभा चुनाव है। भाजपा की अल्पसंख्यक शाखा के प्रमुख बासित अली ने कहा, "बीजेपी रामपुर जीतेगी, लेकिन पसमांदा मुसलमानों के कारण नहीं। उनके समर्थन में वृद्धि जरूर होगी। इसके अलावा ज्यादातर उच्च जाति के मुसलमानों ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया है।" तुर्क मुसलमान तुर्क वंशज होने का दावा करते हैं और रामपुर-सम्भल-मुरादाबाद क्षेत्र में बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। संभल के वरिष्ठ सपा सांसद शफीक-उर-रहमान बरक इस समुदाय के प्रमुख प्रतिनिधि हैं।
रामपुर विधानसभा सीट पर 1.5 लाख से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं। इनमें से 60% मुसलमान उच्च जातियों से हैं। इनमें पठान, तुर्क और अन्य शामिल है। पिछले कुछ दिनों में नवाब काज़िम अली खान जैसे कुछ प्रभावशाली मुसलमानों ने भाजपा उम्मीदवार आकाश सक्सेना को अपना समर्थन दिया है। आपको बता दें कि इन मुस्लिम नेताओं को आजम खान का कट्टर प्रतिद्वंद्वी माना जाता है।