September 23, 2024

लिज ट्रस की तरह नाकाम हो जाएंगे सुनक? शुरुआती कदमों के बाद बैकफुट में ऋषि

0

 ब्रिटेन 
भारतवंशी ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री हैं। उनका हनीमून पीरियड खत्म होने वाला है और पहाड़ जैसी चुनौतियां उनके सामने खड़ी हैं। इसके अलावा टोरी सांसदों की गुटबाजी और विपक्षी लेबर पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता ने भी सुनक की नाक में दम कर दिया है। सुनक के पास वक्त कम है और चुनौतियां अपार। सुनक से पहले जहां लिज ट्रस ने तमाम लोकलुभावन वादों के साथ सत्ता हासिल की थी। लेकिन, काम न करने के बाद 41 दिन के अंदर पीएम पद गंवा दिया। अब सुनक का 'धैर्य' उनके लिए मुश्किल बढ़ाता जा रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट है कि निवेशकों की तुलना में राजनीतिक विरोधियों को शांत करना सुनक के लिए बड़ी चुनौती है। ट्रस और बोरिस जॉनसन दोनों ने सुनक के नए बिल के खिलाफ संशोधन पर हस्ताक्षर किए हैं। यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पर खासा असर पड़ा है। खासकर कोरोना काल के बाद से ब्रिटेन इस वक्त बढ़ती महंगाई, ऊर्जा संकट, लोगों पर बढ़ता बि​जली बिल और संभावित मंदी से जूझ रहा है। ब्रिटेन में आर्थिक तंगी के बीच ऋषि सनक के पास निवेशकों की तुलना में राजनीतिक विरोधियों को शांत करना बड़ी चुनौती है।

ट्रस और बोरिस नाखुश, दूसरे चरण की तैयारी में सुनक 
ब्रिटिश प्रधान मंत्री पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले कदम के रूप में प्रमुख कर वृद्धि के आधार पर एक कठोर वित्तीय कार्यक्रम के साथ वित्तीय बाजारों को शांत करने में सुनक हालांकि कामयाब रहे लेकिन, यह नाकाफी है। रिपोर्ट है कि लिज ट्रस और बोरिस जॉनसन ने बिल के खिलाफ संशोधन पर हस्ताक्षर किये हैं। इससे इतर सरकारी अधिकारियों के अनुसार, सुनक और राजकोष के चांसलर जेरेमी हंट अब दूसरे चरण की रणनीति तैयार कर रहे हैं। 

2023 तक बड़ी घोषणा से दूरी?
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सुनक सरकार यूके की कमजोर आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और लोगों को श्रम बाजार में वापस लाने के उद्देश्य से नीतियों की एक श्रृंखला पर काम कर रही है। लेकिन सरकार द्वारा 2023 के बसंत में बजट तक इनमें से अधिकांश उपायों की घोषणा करने की संभावना नहीं है।

लेबर पार्टी की लोकप्रियता से टोरी सांसदों में बैचेनी
उधर, हालिया सर्वे में विपक्षी लेबर पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता ने कट्टर टोरी सांसदों के मन में बैचेनी को बढ़ा दिया है। सांसद सुनक पर विकास नीतियों की ज्यादा से ज्यादा घोषणाओं पर जोर दे रहे हैं। सत्ताधारी पार्टी को डर है कि आगामी अगर जल्द ऐसा नहीं हुआ तो आगामी आम चुनाव में उनकी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है, यहां तक सत्ता भी गंवानी पड़ सकती है। टोरी सांसदों की नाराजी का आलम इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व पीएम लिज ट्रस और उनके पूर्ववर्ती समकक्ष बोरिस जॉनसन दोनों ने सुनक के नए बिल के खिलाफ अपने पहले महत्वपूर्ण असंतोषजनक कदम में संशोधन पर हस्ताक्षर किए हैं। 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *