ईरान सरकार के विरोध में उतरी सर्वोच्च नेता खामेनेई की भांजी ,जेल में डाला गया
तेहरान
ईरान की जानी-मानी अधिकार कार्यकर्ता और सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की भांजी ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है. खामेनेई की भांजी फरीदा मोरादखानी (Farideh Moradkhani) ने ईरान सरकार को कातिल बताते हुए विदेशी सरकारों से अनुरोध किया है कि वह ईरान के साथ सभी तरह के संबंध तोड़ दें.
महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से देश में उपजे विरोध प्रदर्शनों को सरकार लगातार दबाने की कोशिश कर रही है. ईरान सरकार की इस हरकत से आहत फरीदा का एक वीडियो जारी हुआ है, जिसमें वह ईरान सरकार को कातिल बता रही हैं. इस वीडियो के जारी होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
सभी मुल्क ईरान से संबंध तोड़ें
वह वीडियो में कहती हैं, दुनियाभर के आजाद बाशिंदों, हमारा साथ दो और अपनी सरकारों से कहो कि वह इस कातिलाना सरकार का समर्थन करना बंद करें. यह सरकार किसी भी धार्मिक सिद्धांत के प्रति वफादार नहीं है और किसी तरह के नियमों का पालन नहीं करती, बस ताकत के दम पर लोगों का मुंह बंद कराना जानती है.
ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई की भांजी फरीदा मोरादखानी को पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है. फरीदा एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जिसका देश के इस्लामिक शासन की आलोचना करने का इतिहास है.
खामेनेई के इस वीडियो को देश में व्यापक स्तर पर शेयर किया जा रहा है. फरीदा को 23 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था.
फरीदा के भाई महमूद मोरादखानी के एक ट्वीट के मुताबिक, फरीदा को समन जारी किया गया था. जब वह बुधवार को प्रॉसिक्यूटर ऑफिस पहुंची तो उसे हिरासत में ले लिया गया.
फरीदा के भाई ने शनिवार को यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें वह ईरान में लोगों के आंदोलन के दमन की निंदा करती नजर आ रही हैं. इसके साथ ही वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की निष्क्रियता की भी आलोचना करती हैं.
फरीदा ने सरकार के इस दम की वजह से लगाए गए प्रतिबंधों की भी आलोचना की और दावा किया कि आजादी के इस संघर्ष में ईरान के लोगों को अकेला छोड़ दिया गया है.
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह वीडियो कब रिकॉर्ड किया गया.
कौन है फरीदा मोरादखानी?
पेशे से इंजीनियर फारीदा के दिवंगत पिता देश के प्रमुख विपक्षी शख्सियत थे, जिन्होंने खामेनेई की बहन से शादी की थी.
बता दें कि खामेनेई की बहन 1980 के दशक में अपने पति अली तेहरानी के साथ इराक जाकर बस गई थीं.
फरीदा को मृत्युदंड के विरोध में उनकी मुहिम के लिए जाना जाता है. उन्हें इससे पहले इस साल जनवरी में हिरासत में लिया गया था.
मालूम हो कि अमीनी की 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने उसे 13 सितंबर को गिरफ्तार किया था. आरोप था कि तेहरान में अमीनी ने सही तरीके से हिजाब नहीं पहना था जबकि ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है. अमीनी को गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन ले जाया गया. वहां तबीयत बिगड़ी तो अमीनी को अस्पताल ले जाया गया. तीन दिन बाद खबर आई कि उनकी मौत हो गई.