राहुल गांधी ने किया महाकालेश्वर का रुद्राभिषेक और पूजन
उज्जैन
मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा सातवें दिन उज्जैन पहुंच गई है, राहुल गांधी यहां बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने पहुंचे। यहां शासकीय पुजारी के आचार्यत्व में उन्होंने भगवान महाकाल का पूजन किया। इसके बाद राहुल सामाजिक न्याय परिसर में सभा को संबोधित करने पहुंचे। यहां बड़ी संख्या में उन्हें सुनने के लिए लोग मौजूद हैं। मंगवार सुबह भारत जोड़ो यात्रा सांवेर से शुरू होकर उज्जैन पहुंची। मंगल कलश लिए महिलाओं ने उनका शहर में स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से निकले करीब 80 दिन हो गए और यह कश्मीर जा रही है। आज हम इस पवित्र शहर में आए और भगवान के दर्शन लिए। आज हम शिवजी का नाम लेते हैं तो क्यूं लेते हैं, शिवजी सबसे बड़े तपस्वी हैं। भगवान कृष्ण, भगवान राम तपस्वी हैं। हिंदू धर्म के सभी भगवान ने तपस्या की है। ऐसे ही देश के किसान, मजदूर तपस्या करते हैं। भारत जोड़ो यात्रा कुछ नहीं है, यह तो सिर्फ तीन महीने की तपस्या है। तपस्या किसान करता है, मजदूर करता है।
हिंदू धर्म तपस्वियों की पूजा करने को कहता है, लेकिन देश में इनकी पूजा नहीं हो रही। इस देश में हजारों किसानों से मैंने हाथ मिलाया है, उनके हाथ फटे होते है। वो मुझसे पूछते हैं, इस देश में हमारी तपस्या का फल क्यों नहीं मिलता। हमें अपनी मेहनत के लिए सही दाम क्यों नहीं मिलता। हम बीमा का पैसा भरते हैं, तूफान में फसल बर्बाद हो जाए तो बीमा कंपनी फोन नहीं उठाती। इंटरनेट पर सबकुछ मिल जाता है, लेकिन बीमा कंपनी का पता नहीं मिलता। पेट्रोल साठ रुपये का था पर आज 100 रुपये से ऊपर पहुंच गया। गीता में लिखा है कि तपस्या करना चाहिए उसके फल के बारे में नहीं सोचना चाहिए। लेकिन सरकार का काम देश में किसानों और मजदूरों की तपस्या को फल देने का है।
इस देश में सिर्फ दो लोगों की होती है पूजा
राहुल ने कहा कि मेरा सवाल है कि हिन्दू धर्म कहता है कि तपस्वियों की पूजा होना चाहिए, तो मैं कहता हूं कि तपस्वियों की पूजा क्योंनहीं होती है। जो तपस्या करता है, उसे कुछ नहीं देती है। और जो नरेंद्र मोदीजी की पूजा करते हैं, उसे सारा का सारा दे देते हैं। जो लोग मोदीजी की पूजा करते है, उन्हें जो चाहिए वो मिल जाता है। रेलवे, सडके, बिजली पानी, सबकुछ दो लोग, पांच लोग प्रधानमंत्री की पूजा करते हैं और हिन्दुस्तान का पूरा धन उनके हवाले कर दिया जाता है। और करोड़ों लोग सुबह उठते हैं, किसान चार बजे उठता है, हाथ कट जाते हैं, खून निकलता है, अपने सुरक्षाकर्मी का हाथ पकड़कर बोले, यह किसान का हाथ नहीं है। किसान का हाथ तो कटा होता है।
संसार के सबसे बड़े तपस्वियों को हिन्दुस्तान मानता है। सबसे बड़े शिवजी तपस्यी, कृष्ण भगवान तपस्वी, श्रीराम तपस्वी और हिन्दू धर्म के किसी भी भगवान को आप देखें सभी तपस्या करे हैं। और सिर्फ भगवान तपस्या नहीं करते। शिवजी का भगवान राम, कृष्ण भगवान की तपस्या का मुकाबला नहीं। मगर हिन्दुस्तान तपस्वियों का देश है। हिन्दू धर्म में, तपस्वियों की पूजा होती है। हम तपस्वियों का आदर करते हैं, उनके सामने हाथ जोड़ते हैं, तो इस देश में यह 'तपस्वी' कौन है। आपने कहां कि कन्याकुमारी से तपस्या की। यह बहुत बड़ी तपस्या नहीं है। इसमें कुछ नहीं।
राहुल ने कहा कि सबसे ज्यादा तपस्या कौन करता है। मैं बताता हूं। सबसे पहले कोविड के समय में हिन्दुस्तान के एक कोने से दूसरे कौने तक गए, वो तपस्या करते हैं, भोजन देने वाले करोड़ों किसान, चार बजे सुबह उठकर खेत में काम करने वाले तपस्या करते हैं। बड़ाई, नाई, इलेक्ट्रिशयन, छोटे दुकानदार मजदूर यह सभी रोज तपस्या करते हैं। तपस्या करते करते थक जाते हैं। खुद की तपस्या के बारे में कहा कि यह तो कुछ नहीं है। थोड़ा घुटने में दर्द होता है, थोड़ी प्यास होती है। यह कुछ नहीं है। तपस्या किसान करता है, मजदूर करता है।
राहुल का तीसरा उज्जैन दौरा
आपको बता दें कि राहुल वर्ष 2018 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते और वर्ष 2010 में भी मंदिर आ चुके हैं. साथ ही राहुलन के अलावा गांधी परिवार से सोनिया, इंदिरा, राजीव, प्रियंका भी बाबा के दर्शन लाभ ले चुके हैं. ये राहुल का यह तीसरा उज्जैन दौरा है. यहां से वे सीधा सामाजिक न्याय परिसर में जनसभा को संबोधित करने जाएंगे.