September 22, 2024

पटना समेत 12 जिलों में गिरा न्यूनतम तापमान, मौसम की मार से बढ़ रहा कान में संक्रमण का खतरा

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 पटना

राजधानी समेत पूरे बिहार में पछुआ का प्रवाह बना हुआ है। मौसमविदों के मुताबिक तीन दिनों बाद तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट के साथ ठंड में वृद्धि के आसार है। गुरुवार को राजधानी समेत प्रदेश के 12 जिलों के वाल्मीकि नगर, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, नवादा, जमुई, सुपौल, भागलपुर, फारबिसगंज, अररिया, पूर्णिया, सबौर के औसत न्यूनतम में गिरावट आई है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार 10.5 डिग्री सेल्सियस के साथ सीतामढ़ी प्रदेश का सबसे ठंडा शहर रहा। वहीं राजधानी के न्यूनतम तापमान में 0.9 डिग्री गिरावट आई है और गुरुवार को 13.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

बच्चों को मास्क पहनाकर ही स्कूल भेजें
डॉ. एके जायसवाल और डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि अभी ठंड की शुरुआत है। यह समय वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण के अनुकूल होता है। यही कारण है कि लोग सर्दी खांसी से जल्दी पीड़ित हो रहे हैं। बताया कि इस समय प्रदूषण भी बहुत ज्यादा है। सर्दी-खांसी और छींक का बड़ा कारण एलर्जी भी है। इससे भी सर्दी-खांसी जल्दी ठीक नहीं हो रही है। चिकित्सकों ने सबको मास्क पहनाकर ही स्कूल भेजने की सलाह दी।

बच्चों में सर्दी-खांसी बढ़ा रहा कान में संक्रमण का खतरा
अनीसाबाद पटना का 9 वर्षीय साहिल कान दर्द से अचानक रोने लगा। उसके माता-पिता उसे ईएसआई अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार के पास ले गए। जांच में पता चला कि साहिल के कान में संक्रमण हो गया है। डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि अगर इसका इलाज नहीं होता तो उसके कान का पर्दा खराब हो सकता था। कहा कि सर्दी-जुकाम के कारण बच्चे के कान में संक्रमण हो गया था। यह संक्रमण ना सिर्फ कान में बल्कि गले तक पहुंच गया था। बताया कि ठंड के कारण ऐसा हुआ है। पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के ओपीडी में सोमवार और मंगलवार को सर्दी-खांसी से पीड़ित ऐसे 10 से ज्यादा बच्चे इलाज कराने पहुंचे जो कान के संक्रमण से पीड़ित हो गए थे। विभाग के अध्यक्ष डॉ. एके जायसवाल ने बताया कि नाक और कान के बीच पतली नली होती है। जब सर्दी के कारण नाक भारी होता है तो कई बार संक्रमण कानों तक पहुंच जाता है। कई बार कान का चदरा भी फट जाता है और कान बहने लगता है।
 

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