बिहार नगर निकाय चुनाव : बीजेपी की मांग- अति पिछड़ों की लिस्ट से सवर्ण मुस्लिमों को हटाए नीतीश सरकार
पटना
बिहार में इस महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव से पहले बीजेपी ने आरक्षण सूची पर सवाल उठाए हैं। बिहार बीजेपी ने नीतीश सरकार से मांग की है कि पहले पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों की लिस्ट से फॉरवर्ड यानी सवर्ण मुस्लिमों को बाहर किया जाए। इसके बाद आरक्षण लागू हो और तब चुनाव कराए जाएं। पूर्व मंत्री भीम सिंह और प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने पटना स्थित पार्टी कार्यालय में शनिवार को सरकार से यह मांग की।
बीजेपी नेता भीम सिंह ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश के विपरीत अति पिछड़ा आयोग का गठन किया। साथ ही जिस आयोग का गठन किया गया, वह न ही डेडिकेटेड है और न ही इंडिपेंडेंट है। इसलिए हाई कोर्ट के कार्यरत न्यायाधीश या सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया जाए।
प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि जिस तरह मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में चुनाव हुए, उसी तरह बिहार में नगर निकाय चुनाव कराए जाएं। क्योंकि, राज्य सरकार द्वारा गठित आयोग की रिपोर्ट को पहले कैबिनेट में जाना था। बिना कैबिनेट द्वारा पारित किए ही सरकार ने रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को भेज दी, जो गलत परिपाटी है। केंद्र सरकार का नियम है कि आरक्षण 50 फीसदी हो, मगर सरकार ने 37 फीसदी आरक्षण दिया और 13 फीसदी आरक्षण नहीं दिया।
बता दें कि बिहार में दो चरणों में सभी नगर निकायों में चुनाव होने हैं। पहले चरण की वोटिंग 18 दिसंबर को होगी और 20 दिसंबर को काउंटिंग की जाएगी। दूसरे चरण के लिए 28 दिसंबर को मतदान होगा और 30 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। राज्यभर में निकाय चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है।