November 24, 2024

किसकी होगी कुढ़नी: वीआईपी-AIMIM बिगाड़ेंगे खेल, जदयू-बीजेपी में कौन पड़ेगा किस पर भारी ?

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 पटना 
कुढ़नी उपचुनाव में हर सियासी दल ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी, शनिवार को कुढ़नी में चुनाव प्रचार थम गया। अब 5 दिसंबर को मतदान है। और फिर 8 दिसंबर को कुढ़नी की किस्मत का फैसला हो जाएगा। वैसे तो इस सीट पर सीधी टक्कर जदयू और बीजेपी के बीच है। लेकिन जातीय समीकरण को सभी दलों ने साधने की कोशिश की है। 

महागठबंधन को करनी पड़ी मेहनत
जातीय समीकरणों को साधने की बात करें तो महागठबंधन आगे हैं। करीब 40 हजार मतदाता कुशवाहा जाति के हैं। वहीं एम-वाई फैक्टर भी महागठबंधन के साथ नजर आ रहा है। ऐसे में अगर इन तीनों समुदाय के वोट महागठबंधन की झोली में गए थे, तो जीत बेहद आसान हो जाएगी। मनोज कुशवाहा महागठबंधन के प्रत्याशी हैं। 

बीजेपी की राह नहीं आसान
वहीं अगर बात बीजेपी की करें तो सवर्णों के 45 हजार, वैश्यों के 31 हजार और पासवान के 23 हजार वोट में से  50% वोट भी भाजपा को मिले तो उसे बढ़त मिलेगी। लेकिन सहनी के 20 हजार और भूमिहार के 18 हजार वोट में अगर सेंधमारी हुई तो और यह वोट वीआईपी के खाते में गए तो बीजेपी पिछड़ सकती है। बीजेपी ने केदार गुप्ता को अपना प्रत्याशी बनाया है। 

निर्णायक भूमिका में सहनी समाज के वोटर 
कुढ़नी में वैश्य समाज के मतदाताओं की संख्या करीब 33 हजार के आसपास है। इसके अलावा 25 हज़ार मतदाताओं के साथ सहनी समाज तीसरे नंबर पर खड़ा है। जिनके भरोसे मुकेश सहनी वीआईपी पार्टी से  नीलाभ कुमार को प्रत्याशी के तौर पर उतारा है। सहनी वोटर्स की भूमिका इस चुनाव में निर्णायक साबित हो सकती है।

महागठबंधन का खेल बिगाड़ सकती है AIMIM
कुढ़नी सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी लगभग 22 हज़ार के आसपास है। जिसपर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम  के उम्मीदवार जिला पार्षद मुर्तजा अंसारी को प्रत्याशी के तौर पर उतारा है। अगर मुस्लिमों के वोट बैंक में सेंध लगी तो इसकी सीधा नुकसान महागठबंधन को होगा।  इसके अलावा कोइरी और कुर्मी जाति के लोग भी अच्छी खासी संख्या में मौजूद हैं। वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या करीब 19 प्रतिशत है, जिन पर चिराग पासवान की नजर है और वह अपने कार्यकर्ताओं को इन्हीं वोटरों को एकजुट कर बीजेपी तरफ डायवर्ट करने में लगे हैं।  कुढ़नी के जातिगत वोट की बात करें तो एक अनुमान के मुताबिक मुस्लिम-यादव 80 हजार के करीब है, वहीं सवर्ण 45 हजार, वैश्य 31 हजार, कुशवाहा कुर्मी वोटर्स 30 हजार, सहनी वोटर्स 20 हजार, पासवान 23 हजार और रविदार-मुसहर 30 हजार के करीब है। ऐसे में देखना होगा कि कुढ़नी की जनता 5 दिसंबर को किस दल पर दांव लगाती है। 

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