September 24, 2024

टंट्या भील के बलिदान दिवस पर हितग्राही संवाद, Love jihad को लेकर सख्त CM Shivraj 

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इंदौर 
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या भील के बलिदान दिवस पर हितग्राही संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहे। इस अवसर पर फग्गन सिंह कुलस्ते, विष्णु दत्त शर्मा, तुलसी सिलावट, मीना सिंह, उषा ठाकुर, प्रेम सिंह पटेल, शंकर लालवानी, पुष्यमित्र भार्गव एवं अन्य गणमान्य साथी एवं नागरिक उपस्थित रहे। इस अवसर पर सीएम शिवराज ने कहा की, क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा के चरणों में मध्यप्रदेश के सभी नागरिकों की तरफ से सादर प्रणाम करता हूं। आपने सदैव गरीबों के कल्याण और जनजाति गौरव को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अतुलनीय कार्य किए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जननायक टंट्या मामा जी के पदचिन्हों पर चलकर जनजातीय समुदाय के विकास का जो संकल्प लिया, उसे हम साकार करने के लिए समर्पित हैं। जनजनायक टंट्या मामा भारत माता के पैरों से परतंत्रता की बेड़िया काटने के लिए अपना जीवन बलिदान करने वालेअद्भुत क्रांतिकारी थे। मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की ओर से उनके चरणों में प्रणाम करता हूं। 

 इसी के साथ सीएम शिवराज ने कहा की, जनजातीय समुदाय के अधिकारों के संरक्षण और प्रगति के लिए मध्यप्रदेश में हमने पेसा नियम लागू किया है। इससे आपके जीवन में अभूतपूर्व बदलाव आएगा। प्राकृतिक संसाधनों पर सभी का समान अधिकार है। PESA आपको सबसे पहले जमीन का अधिकार देता है। जमीन के अधिकार के तहत हर साल ग्राम सभा के सामने जमीन का नक्शा और खसरा आदि रखा जाएगा, जिससे कहीं गड़बड़ी न होने पाए। धर्म बदलकर जनजातीय समुदाय के अधिकारों और संपत्ति पर कब्जा करने वालों की खैर नहीं होगी। 

लव जिहाद को लेकर सख्त सीएम शिवराज 
सीएम शिवराज ने कहा की, मध्यप्रदेश की धरती पर लव जिहाद जैसे मामलों के लिए कोई जगह नहीं है। ऐसी साजिशों से मैं सख्ती से निपटने को तैयार हूं। पिछली सरकारों ने भीमा नायक, टंट्या मामा, रघुनाथ शाह-शंकर शाह, रानी कमलापति व हमारे भगवान बिरसा मुंडा जी की प्रतिमा कभी बड़े शहरों में नहीं लगवाई। आज मुझे संतोष है कि इंदौर में टंट्या मामा की भव्य प्रतिमा का अनावरण हुआ है। जनजातीय समुदाय के क्षेत्र की जमीन से रेत, गिट्टी या कोई प्राकृतिक संसाधन निकलते हैं, तो उसे पहला अधिकार जनजातीय सहकारी समिति का होगा। क्रशर, खदान आदि पर पहला अधिकार महिला का होगा, उसके बाद पुरूष का।
 

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