Kamal Nath की भाजपा-आरएसएस को चुनौती, “राहुल गांधी के साथ धर्म पर चर्चा करें”
भोपल
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भाजपा – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को चुनौती दी है। उन्होंने चैलेंज किया कि राहुल गांधी के साथ धर्म पर चर्चा करें। Bharat Jodo Yatra मध्य प्रदेश में है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी कई कांग्रेस नेताओं के साथ पदयात्रा कर रहे हैं। कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा-आरएसएस को चुनौती दी है कि 'राहुल गांधी के साथ धर्म पर चर्चा करें।' कमलनाथ मध्य प्रदेश के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं। कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेताओं से राहुल गांधी के साथ धर्म और आध्यात्मिकता पर चर्चा करने के लिए कहा। उन्होंने दावा किया कि राहुल के साथ भाजपा और आरएसएस के साथ चर्चा साबित करेगी कि उनके पास इन विषयों का उनसे ज्ञान अधिक है।
राजस्थान में प्रवेश करने से पहले, भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों से गुजरी। एमपी में कांग्रेस की पदयात्रा के अंतिम दिन आगर में पत्रकारों से बात करते हुए, पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, यह संभावना है कि राहुल गांधी देश में "पूर्व से पश्चिम" से एक और यात्रा शुरू कर सकते हैं। बता दें कि राहुल गांधी ने 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी। कांग्रेस के इस जन-संपर्क पहल के तहत पदयात्रा अगले महीने के अंत तक जम्मू कश्मीर पहुंचकर समाप्त होगी।
मध्य प्रदेश में पदयात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने उज्जैन में भगवान महाकाल मंदिर का दौरा किया था। उन्होंने खंडवा जिले के ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा भी की थी। पैदल मार्च के दौरान अपने भाषणों में राहुल गांधी धर्म और आध्यात्मिकता पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस बारे में पूछे जाने पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, वे भाजपा, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद् (वीएचपी) नेताओं को मीडियाकर्मियों के सामने धर्म और आध्यात्मिकता के मुद्दों पर राहुल गांधी के साथ चर्चा करने की चुनौती देते हैं।
उन्होंने दावा किया कि चर्चा से यह बात साबित हो जाएगी कि बीजेपी- आरएसएस से जुड़े व्यक्तियों की तुलना में राहुल गांधी को धर्म और आध्यात्मिकता के बारे में अधिक ज्ञान है। कमलनाथ ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का मुख्य उद्देश्य देश के संविधान और संस्कृति को बचाना है। यात्रा पहली बार हिंदी भाषी क्षेत्र में दाखिल हुई है और इसे लोगों का समर्थन भी मिल रहा है। कमलनाथ ने दावा किया कि पैदल मार्च के कारण लोगों के बीच राहुल गांधी की छवि को सुधारने में मदद मिली है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले आठ वर्षों में भाजपा ने सोशल मीडिया के माध्यम से राहुल गांधी की इमेज को "खराब" किया।
बकौल कमलनाथ, भाजपा कहती थी कि यात्रा केरल में ही समाप्त होगी, लेकिन इसे हर जगह अपार जनसमर्थन मिल रहा है। लोग राहुल गांधी पर अपना प्यार बरसाने के लिए खुद सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में 'मोदी-मोदी' चिल्लाने वाले लोग भी मध्य प्रदेश में यात्रा को जिस तरह की प्रतिक्रिया मिली, उससे लोग चुप हो गए।"
कमलनाथ ने बताया, छोटी बच्चियों ने राहुल गांधी को अपनी गुल्लक दी, उनमें बहुत उत्साह था। राहुल गांधी ने स्वयं कहा कि मध्य प्रदेश में उनकी यात्रा को विशेष रूप से इंदौर में अपार समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने किसानों, छोटे उद्योगपतियों, दुकानदारों, महिलाओं, दिव्यांगों, बुनकरों, आदिवासियों, दलितों, सफाई कर्मियों समेत अन्य लोगों से भी बातचीत की।
उन्होंने बताया, यहां तक कि चित्रकारों ने भी राहुल गांधी को उनके द्वारा बनाए गए चित्र भेंट किए। कवियों, साहित्यकारों, पत्रकारों, खिलाड़ियों, फिल्म अभिनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने राहुल गांधी से अलग-अलग मुद्दों पर बातचीत की। पदयात्रा के बाद रविवार शाम (4 दिसंबर) को भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में प्रवेश करेगी। बता दें कि गत 23 नवंबर को Bharat Jodo Yatra पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में प्रवेश किया था।