हिमाचल में जो बागी बने फांस अब वही बनेंगे आस, BJP-कांग्रेस में लुभाने की कोशिशें तेज
हिमाचल
Exit Polls के आंकड़े बता रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर होने के आसार हैं। इसी बीच खबर है कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस बागियों को लुभाने की कोशिश में जुटी हुई है। खास बात है कि दोनों ही दलों ने पहाड़ी राज्य में असंतुष्ट नेताओं की चुनौती का सामना किया था। गुजरात और हिमाचल प्रदेश की मतगणा गुरुवार को होगी।
खबर है कि कांग्रेस और भाजपा ने निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए बैकरूम चैनल खोल रखे हैं। सार्वजनिक रूप से दोनों ही दल राज्य में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन आंतरिक आंकड़ों से कड़े मुकाबले के संकेत मिले हैं। ऐसे में हर संभव स्थिति से निपटने के लिए दोनों दल जुटे हुए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी त्रिशंकु विधानसभा या भाजपा-कांग्रेस को बराबर सीटें मिलने की संभावनाओं के बीच शिमला में ठहर सकते हैं, ताकि निर्दलीय विधायकों को अपने पक्ष में किया जा सके।
भाजपा ने हाल ही में धर्मशाला में एक सत्र आयोजित किया था, जिसमें बहुमत नहीं मिलने की स्थिति को लेकर चर्चा की गई थी। कहा जा रहा है कि राज्य में बागियों की चुनौती का सबसे ज्यादा सामना भाजपा ने ही किया। यहां करीब एक दर्जन सीटों पर बागी उम्मीदवार उतरे। ऐसी ही कुछ सीटों में नालागढ़, थियोग, कुल्लू और बंजार, देहरा का नाम शामिल है।
जबकि, कांग्रेस ने पाछल, चोपल, सुलाह और थियोग में इस स्थिति का सामना किया। इधर, खबर यह भी है कि कांग्रेस में भी मुख्यमंत्री पद को लेकर हलचल तेज है। शीर्ष पद के उम्मीदवार प्रदेश प्रमुख प्रतिभा सिंह, प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री का नाम शामिल है। कांग्रेस ने भी बागियों के साथ चर्चा के रास्ते खोल लिए हैं।