November 26, 2024

आम आदमी को झटका, आरबीआई ने रेपो रेट 0.35% बढ़ाकर 6.25 फीसदी किया

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नईदिल्ली
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस साल लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में बढ़ोत्तरी कर दी है. RBI ने रेपो रेट को 0.35 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया है. RBI के मुताबिक, अब रेपो रेट 5.90 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो जाएगा. इस फैसले के साथ ही अब होम लोन (Home Loan) समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. एमपीसी बैठक के बाद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने बुधवार को नीतिगत दरें बढ़ाए जाने का ऐलान किया.

बढ़कर यहां पहुंचा Repo Rate
देश के आम आदमी को एक बार फिर जोर का झटका लगा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी के बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो दरों (Repo Rate) में इस साल लगातार पांचवीं बढ़ोतरी का ऐलान किया है. इसके बाद होम लोन-ऑटो लोन समेत सभी तरह का कर्ज महंगा हो जाएगा और लोगों को ज्यादा EMI भरनी होगी.

इस साल 2.25% की बढ़ोतरी
साल के आखिरी महीने में रेपो रेट में ताजा बढ़ोतरी के बाद (RBI Repo Rate Hike) दर 6.25 फीसदी पर पहुंच गई हैं. इस साल केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कुल 2.25 फीसदी का इजाफा किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारा लक्ष्य देश में महंगाई दर को 6 फीसदी के तय टारगेट के नीचे लाना है. भारतीय रिजर्व बैंक ने FY23 के लिए CPI मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान 6.7% पर बरकरार है. इसके साथ ही अगले 12 महीनों में मुद्रास्फीति दर 4% से ऊपर रहने की उम्मीद जताई गई है.

बता दें कि अक्टूबर में देश में रिटेल महंगाई गिरकर 6.77 फीसदी पर आ गई है. मुंबई में छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक के बाद RBI गवर्नर ने रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान करते हुए बताया कि स्टैंडिग डिपोजिट फैसिलिटी (SDF रेट) को 6 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF रेट) और बैंक रेट को 6.5 फीसदी तक एडजस्ट किया गया है.

FY23 में 6.8 फीसदी जीडीपी का अनुमान

इसके साथ ही आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 7 फीसदी का अनुमान जताया था. उन्होंने कहा कि ग्लोबल चुनौतियां के बावजूद भारत की ग्रोथ रेट संतुलित है. उन्होंने कहा कि डिमांड में इजाफा हुआ है, खासकर ग्रामीण इलाकों में डिमांड बढ़ी है, जिससे अर्थव्यवस्था को सपोर्ट मिल रहा है.  

रेपो रेट बढ़ने का था अनुमान
पहले से ही रेपो रेट में बढ़ोतरी का अनुमान जाहिर किया जा रहा था. कई मीडिया रिपोर्ट्स में एक्सपर्ट्स ने आशंका जाहिर की थी कि केंद्रीय बैंक महंगाई में राहत के बावजूद नीतिगत दरों में 25-35 बेसिस प्वाइंट तक की बढ़ोतरी कर सकता है. गौरतलब है कि लंबे समय से देश में महंगाई (Inflation) उच्च स्तर पर बनी हुई थी, लेकिन बीते अक्टूबर महीने में इसमें गिरावट देखने को मिली है.

अब तक Repo Rate में इतनी वृद्धि
रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी का सिलसिला मई 2022 महीने से शुरू किया गया था. तब रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. इसके अगले महीने जून में फिर RBI ने ब्याज दरों में 0.50 फीसदी का इजाफा किया. ये सिलसिला जारी रहा और अगस्त महीने में 0.50 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली, जबकि सितंबर में भी केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों को 0.50 फीसदी बढ़ाया था. अब ये पांचवीं बार है, जब केंद्रीय बैंक ने लोगों की जेब का खर्च बढ़ाया है.

Repo Rate का ईएमआई पर असर
रेपो दर (Repo Rate) रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है. रेपो रेट के कम होने से लोन की EMI घट जाती है, जबकि रेपो रेट में बढ़ोतरी से सभी तरह का Loan महंगा हो जाता है और इसी क्रम में ईएमआई में भी इजाफा देखने को मिलता है.

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