September 27, 2024

पुलिस के छह घोड़े चारे की कमी की वजह से मरे, श्रीलंका में आर्थिक तंगी से और बिगड़े हालात

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श्रीलंका
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इनमें से हर घोड़े की कीमत लगभग 35 हजार डॉलर है। अभी माउंडेट डिवीजन के पास तकरीबन 50 घोड़े और हैं। थलदुवा ने कहा कि इन घोड़ों को जिंदा रखने की पूरी कोशिश की जा रही है।

श्रीलंका पुलिस के छह घोड़े चारे की कमी की वजह से मर गए हैं। बताया जाता है कि चारे के आयात पर लगे प्रतिबंध के कारण पुलिस के घोड़ों को पेट भर चारा नहीं मिल पा रहा है। पुलिस के प्रवक्ता निहाल थलदुवा ने इस बात की पुष्टि की कि छह घोड़े चारे की कमी के कारण मरे हैं। जबकि उन्होंने कहा कि इसके अलावा एक घोड़े की मौत चोट लगने के कारण हुई। उन्होंने बताया कि ये तमाम मौतें इसी साल हुई हैं। वेबसाइट इकॉनमीनेक्स्ट.कॉम से बातचीत में थलदुवा ने कहा कि पौष्टिक भोजन ना मिलने के कारण घोड़े कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। मौतों का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि ये मौतें फरवरी, अप्रैल, अक्टूबर और नवंबर महीनों में हुईं।

बताया गया है कि सभी घोड़े पुलिस के माइंटेड डिवीजन के थे। थलदुवा ने कहा- ‘डॉक्टरी रिपोर्ट के मुताबिक एक घोड़े की मौत अंदरूनी चोट की वजह से हुई, जबकि बाकी सभी घोड़े चारे के अभाव से मरे।’ पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इनमें से हर घोड़े की कीमत लगभग 35 हजार डॉलर है। अभी माउंडेट डिवीजन के पास तकरीबन 50 घोड़े और हैं। थलदुवा ने कहा कि इन घोड़ों को जिंदा रखने की पूरी कोशिश की जा रही है।

इस साल आर्थिक संकट गहराने के बाद विदेशी मुद्रा बचाने के मकसद से श्रीलंका सरकार ने कई वस्तुओं के आयात पर रोक लगा दी थी। उनमें पशुओं का चारा और चारा उत्पादन में काम आने वाली कई सामग्रियां भी थीं। उवर्रकों के आयात पर रोक लगने के कारण देश के अंदर चारे की पैदावार पर खराब असर पड़ा। हालांकि श्रीलंका का वित्तीय संकट अभी भी गंभीर हाल में है, लेकिन हाल में चारे के आयात पर रोक को आंशिक रूप से हटा लिया गया है।

इसके बावजूद अभी तक पुलिस के घोड़ों को पूरा भोजन नहीं मिल पा रहा है। थलदुआ ने बताया कि कई अन्य घोड़े पर्याप्त चारा ना मिलने के कारण बीमारियों का शिकार हो चुके हैं। इस बीच माउंटेड डिवीजन ने घोड़ों की मौत की जांच कराने का फैसला किया है। जांच का मकसद मौत के कारण को ठोस रूप से सुनिश्चित करना है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि माउंटेड डिवीजन के पास मौजूद घोड़े यूरोप या ऑस्ट्रेलिया से लाए गए हैँ। ऐसे घोड़े कई बार जलवायु परिवर्तन के कारण भी मर जाते हैँ।

श्रीलंका में महीनों से जरूरी दवाइयों का भी अभाव है। लेकिन पुलिस प्रवक्ता ने इनकार किया कि घोड़ों की मौत दवा न मिलने के कारण हुई। उन्होंने कहा कि देश में घोड़ों के इलाज के लिए डॉक्टर और दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता है।

इस बीच श्रीलंका को आर्थिक संकट से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक बीते अक्टूबर में देश के निर्यात में 11.9 प्रतिशत की गिरावट आई। आयात में इससे अधिक गिरावट आई, जिससे व्यापार घाटा 50 करोड़ 20 लाख डॉलर से घट कर साढ़े 28 करोड़ डॉलर रह गया। लेकिन अर्थशास्त्रियों का कहना है कि आयात और निर्यात दोनों का घटना देश में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का संकेत है।

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