फर्जी दस्तावेजों के सहारे एमबीबीएस में एडमिशन लेने पहुंची छात्रा, नीट में थे केवल 64 नंबर
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक युवती फर्जी सर्टिफिकेट की मदद से एमबीबीएस में एडमिशन लेते हुए पकड़ी गई। मामला प्रकाश में आने के बाद मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर शिवकुमार ने एसडीएम सदर और पुलिस को सूचना दी। एसडीएम ने छात्रा का बयान दर्ज किया। पूछताछ के बाद उसे परिजनों के हवाले कर दिया गया।
ये मामला उमानाथ सिंह स्वाशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का है। वाराणसी के जक्खिनी की रहने वाली एक लड़की फर्जी दस्तावेजों की मदद से दो दिस से महिला छात्रावास में रह रही थी। गर्ल हॉस्टल के प्रभारी डॉ. शशि पांडेय ने शक होने पर इसकी शिकायत प्रधानाचार्य से की। प्रधानाचार्य ने सूचना देकर पुलिस को बुला लिया। जांच में पता चला कि छात्रा ने इस बार नीट की परीक्षा दी थी। उसकी काउंसिलिंग चल रही है। अंतिम राउंड की काउंसिलिंग 28 तारीख को थी। छात्रा के अंक नीट की परीक्षा में 64 थे।
कैफे संचालक ने 64 को 464 में बदला
युवती लखनऊ में रहकर नीट परीक्षा की तैयारी की थी। पूछताछ के दौरान छात्रा ने बताया कि परिणाम आने के बाद वह लखनऊ के ही साई साइबर कैफे के संचालक आलोक भारद्वाज से मिली। संचालक ने 64 की जगह 464 में नंबर में बदलकर कर 17 हजार रुपये लिये और यह कहकर भेज दिया कि फीस जमा हो गई है। उसने आश्वस्त किया कि जौनपुर मेडिकल कालेज में एडमिशन मिल जाएगा। इसके बाद मेडिकल कालेज जौनपुर में पहुंचकर छात्रा ने फर्जी एनओसी और एलाटमेंट लेटर को दिखाकर महिला छात्रावास में प्रवेश ले लिया। दो दिन बाद महिला छात्रावास प्रभारी डॉ. शशि पांडेय को शक हुआ। उन्होंने उसके अभिलेखों की जांच की। दस्तावेज, एलाटमेंट लेटर और एनओसी फर्जी मिले। सदर एसडीएम ने लड़की का बयान दर्ज किया है।
चौकी प्रभारी संतोष कुमार यादव ने बताया कि लड़की के अभिलेख फर्जी पाए गए। मुकदमा लखनऊ में दर्ज होगा। पूछताछ के बाद लड़की को उसके माता पिता को बुलाकर सौंप दिया गया है।