भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त- ईओडब्ल्यू इस साल साढ़े तीन सौ से ज्यादा प्रकरण दर्ज किये
भोपाल
प्रदेश में इस साल भ्रष्टाचार को लेकर लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टों की जमकर नकेल कसी । दोनों की एजेंसियों ने मिलकर इस साल साढ़े तीन सौ से ज्यादा प्रकरण दर्ज किये। अभी यह साल पूरा होने में 11 दिन बचे हुए हैं। इनमें में चार से पांच एफआईआर और दर्ज होने की संभावना है। प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में पहली बार एक साल में इतने मामले दर्ज हुए हैं।
जबलपुर इकाई की जांच पर सबसे ज्यादा केस
ईओडब्ल्यू ने इस साल एफआईआर दर्ज करने के अपने पुराने सभी आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है। यहां पर अब तक 102 प्रकरण दर्ज कर लिए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा प्रकरण ईओडब्ल्यू की जबलपुर इकाई में जांच के बाद दर्ज हुए। यहां पर इस साल 35 मामले दर्ज किए गए। जबकि दूसरे नंबर पर भोपाल यूनिट की जांच पर दर्ज हुए। यहां जिन प्रकरणों की जांच हुई उनमें से 22 पर प्रकरण दर्ज हुए। वहीं इंदौर यूनिट की जांच पर 14 मामले दर्ज हुए। ग्वालियर यूनिट की जांच पर दस प्रकरण दर्ज हुए। वहीं सागर और उज्जैन ईओडब्ल्यू क्षेत्र में आने वाले मामलों में 14 मामले दर्ज हुए। दोनों ही यूनिट की जांच के बाद सात-सात प्रकरण दर्ज किए गए। इसी तरह रीवा ईओडब्ल्यू की यूनिट की जांच पर 6 मामले दर्ज किये गए हैं।
लोकायुक्त ने ट्रैप में ज्यादा केस किये दर्ज
इस साल लोकायुक्त पुलिस ने 252 प्रकरण दर्ज किए। इसमें रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ाने वालों पर सबसे ज्यादा एफआईआर दर्ज हुए। इस साल अब तक पूरे प्रदेश में रिश्वत लेते हुए 236 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। जबकि आय से अधिक संपत्ति के एक दर्जन मामले दर्ज हुए हैं। वहीं पद के दुरुपयोग के 6 मामले इस साल दर्ज हुए हैं।