‘मुझे अब कुछ नहीं बोलना तेरे बारे में’, सूर्यकुमार की बैटिंग ने रोहित के मुंह से छीन लिए शब्द
नई दिल्ली
सूर्यकुमार यादव मानते हैं कि भारतीय टीम में रोहित शर्मा से ज्यादा उनके गेम को कोई और नहीं समझ सकता। दोनों पुराने साथी हैं, मुंबई से आते हैं और एक ही आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस से खेलते हैं। आसमान सरीखी सफलता का स्वाद चख रहे 'स्काई' वो दिन कहा भूल सकते हैं जब विराट कोहली एंड कंपनी ने लगातार उनकी अनदेखी की। यहां तक कि उनको कोई भारतीय क्रिकेट में आने वाली बड़ी चीज भी नहीं मान रहा था। सूर्यकुमार यादव की उम्र ढलती जा रही थी और क्रिकेट में 30 के बाद कौन शिखर पर पहुंचता है जबकि वह ढलान की उम्र है। लेकिन रोहित शर्मा की मुंबई इंडियंस जैसी प्रीमियम फ्रेंचाइजी ने सूर्यकुमार को हमेशा एक बड़ा खिलाड़ी माना और लगातार जगह दी। एमआई की ओर से यादव ने ऐसी पारियों को अंजाम दिया कि सिलेक्टरों के सामने दरवाजा खोलने का अलावा चारा नहीं था।
सूर्यकुमार रोहित के साथ खास रिश्ता रखते हैं
सूर्यकुमार रोहित के साथ खास रिश्ता रखते हैं। आईपीएल ही नहीं बल्कि वे मुंबई की टीम के भी साथी हैं। जाहिर है रोहित से ज्यादा बेहतर तरीके से टीम में कोई भी सूर्यकुमार के गेम को नहीं समझ सकता। इसके बावजूद स्काई की कुछ पारियों ने रोहित को भी शब्दहीन कर दिया था। अब यादव ने हिटमैन के बारे में बात की है। सूर्यकुमार कहते हैं, रोहित अकेले ऐसे हैं जिन्होंने मुझे इतने लंबे से देखा है। लेकिन इस सीजन में उन्होंने मेरी इतनी पारियों को देखा कि एक समय आया जब वे मुझसे कुछ नहीं बोले। कुछ गेम में उन्होंने मुझसे कहा, मुझे अब कुछ बोलना नहीं है अभी तेरे बारे में।
दोनों एक दूसरे के विचारों को लेते हैं
यादव ने कहा कि रोहित के साथ उनकी अच्छी जमती है तो वे उनसे बात करते हैं। दोनों एक दूसरे के विचारों को लेते हैं। रोहित ने टी20 वर्ल्ड कप में सूर्यकुमार यादव के बारे में मजाक में कहा था, स्काई जब बैटिंग के लिए जाते हैं तो उनके साथ और कोई सामान या बोझ नहीं होता लेकिन जब वे यात्रा करते हैं तो उनके साथ बहुत सारे सूटकेस होते हैं। इस पर स्काई ने कहा कि वे अपने साथ कई सारे कपड़े ले जाते हैं क्योंकि बाहर का मौसम का ध्यान में रखकर चला जाता है।
बैटिंग करते हुए किसी बोझ को अपने दिमाग में रखते
यादव ने कहा, "मेरी पत्नी मेरे साथ यात्रा करती है। इसलिए कुछ सूटकेस जोड़े जाते हैं, खासकर जब हम विदेश यात्रा कर रहे होते हैं। यह ठंडा या गर्म मौसम हो सकता है। विभिन्न पोशाकों के लिए जूते हैं। रोहित का मतलब था कि क्या मैं बैटिंग करते हुए किसी बोझ को अपने दिमाग में लेकर चलता हूं या नहीं। मैंने उनसे कहा था कि जो भी अतिरिक्त बोझ होता है उसको मैं बैटिंग करने से पहले मैदान पर हूं छोड़ देता हूं। जब मैं मैदान पर होता हूं, तो मैं किसी और चीज के बारे में नहीं सोचता। और मैंने रन बनाए या नहीं। मैं एक बार वापस आने के बाद किसी के साथ क्रिकेट पर चर्चा नहीं करता, जब तक हम खिलाड़ी एक साथ नहीं बैठते।"
मुझे लगता है टेस्ट मैच के मैं करीब हूं
सूर्यकुमार अब टेस्ट मैचों में मौका देने वाली कॉल का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्रॉफी खेल में 80 गेंदों में 90 रन बनाए। उनकी पारी में 15 चौके और एक छक्का शामिल था। ये तीन सालों में उनका पहला रणजी ट्रॉफी मुकाबला था। इस बारे में यादव का कहना है, "मुझे लगता है कि मैं करीब हूं। मैंने यह प्रारूप खेला है। मेरे पास रेड-बॉल क्रिकेट का आइडिया है क्योंकि हम सभी रेड-बॉल क्रिकेट से शुरुआत करते हैं। हां, परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं लेकिन अगर आप अपना दिमाग लगा सकते हैं और अपना खेल बदल सकते हैं, तो आप सफल हो सकते हैं।"
आउट ऑफ बॉक्स क्रिकेट का जमाना है
इस समय आउट ऑफ बॉक्स क्रिकेट का जमाना है। इंग्लैंड इसका नेतृत्व कर रहा है। कुछ हटकर और लगातार किया जाए तो नतीजे संभव हैं। बेन स्टोक्स और मैकुलमन की जोड़ी ने बताया है कि टी20 के जमाने में टेस्ट को भी बदले हुए अंदाज में कैसे खेला जा सकता है। बैजबॉल दोधारी तलवार हो सकती है लेकिन नतीजे के किसी भी पार ये दर्शकों का ही मनोरंजन करती है। सूर्यकुमार यादव जैसे बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में आई नई मानसिकता के लिए एकदम फिट हैं। देखना होगा क्या भारतीय क्रिकेट में इतने दूरदर्शी लोग बैठे हैं या नहीं।