UP: खाद -बीज के साथ तरीका बदला तो बढ़ गई किसानों की आमदनी, जानें कैसे
गोरखपुर
गोरखपुर में परम्परागत खेती की जगह सब्जियों की खेती शुरू की। खाद-बीज के साथ ही खेती का पुराना तरीका बदला। बदलाव के साथ तकनीकी खेती पर ध्यान दिया। सब्जियों की खेती शुरू की। जहां पहले लागत निकालनी मुश्किल हो जाती थी वहां आज अच्छी कमाई कर रहे हैं। कैम्पियरगंज के कई किसान बदलाव की कहानी लिख रहे हैं। मानसिंह और सुरेंद्र सब्जियों की खेती के जरिए नई-नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। अन्य किसान भी उनसे प्रेरणा ले रहे हैं।
परम्परागत खेती में घाटा देख सुरेंद्र उगाने लगे सब्जियां
पीपीगंज निवासी सुरेंद्र सिंह को नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने वर्ष 1990 में एक बीघा जमीन पर सब्जी की खेती शुरू की। मूली और गोभी उगाकर बाजार में बेचने लगे और अच्छी आमदनी करने लगे। वर्तमान में सुरेंद्र सिंह 7 एकड़ में सब्जियां उगा रहे हैं और तकरीबन 10 लाख रुपये साल में बचा रहे हैं। सुरेंद्र सिंह ने खेतों में सब्जियां उगानी शुरू की और उसे साइकिल से मंडी पहुंचाने लगे। इससे इतनी आमदनी हो गई कि उन्होंने सब्जियां मंडी में पहुंचाने के लिए बाइक खरीद ली।
कमाई बढ़ी तो ट्रैक्टर ट्रॉली खरीद लिया। सब्जी की खेती से करीब तीन एकड़ खेती योग्य जमीन भी खरीद ली। आवासीय जमीन शहर में खरीदी और मकान भी बनवा लिया। इन दिनों सुरेंद्र सिंह रोज पांच कुंतल गोभी, तीन कुंतल पालकी, एक कुंतल हरा धनिया भगवानपुर सब्जी मंडी में भेजवा रहे हैं। करीब 5000 रुपये प्रतिदिन कमा रहे हैं। सुरेंद्र सिंह का कहना है कि सरकारी नौकरी नहीं मिलने का कोई पछतावा नहीं है। न ही वे और उनके परिवारीजनों को इस बात की चिंता है कि उन्हें नौकरी नहीं मिली। मेहनत कर रहे हैं।
सब्जियों की खेती के बल पर काफी प्रगति कर रहे हैं मानसिंह
पीपीगंज के आभुराम निवासी मानसिंह और उनके तीन अन्य भाई परम्परागत खेती की जगह अच्छी कमाई के लिए सब्जियों की खेती कर रहे हैं। अत्याधुनिक तकनीक से सब्जियों की खेती कर चारो भाई आसपास के किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं। इन चारो भाइयों की गोभी की खेती की लोग दाद देते हैं। पीपीगंज के किसान मान सिंह ने तकरीबन 20 वर्ष पूर्व से अपनी पैतृक एक एकड़ जमीन पर सब्जी की खेती शुरू की। मान सिंह चार भाई हैं। सभी पढ़े-लिखे हैं। सरकारी नौकरी किसी भाई को नहीं मिली। गांव के ही किसानों प्रेरित होकर चारों भाइयों ने मिलकर सब्जियों की खेती की शुरुआत की। पहले एक एकड़ खेत में सब्जियां उगा रहे थे। लाभ होने लगा तो रकबा बढ़ाकर 5 एकड़ कर लिया।
मानसिंह और उनके भाइयों ने इन दिनों खेतों में शाक, प्याज, लहसुन, चुकंदर, धनिया पत्ती तैयार किया है। यह सभी फसलें तकरीबन दो एकड़ में लगी हैं। मानसिंह और उनके भाइयों ने 3 एकड़ में गोभी की फसल लगाई है। गोभी भी तैयार है और मंडी जाने लगी है। सब्जियों की खेती कर मानसिंह और उनके भाइयों ने तकरीबन 4 एकड़ खेती की जमीन रजिस्ट्री कराई है। उनके पास अपना 3 ट्रैक्टर-ट्राली है।