Corona Surge in China: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भारत ने चीन की ओर बढ़ाया मदद का हाथ, दवा भेजने को तैयार
नई दिल्ली
चीन में कोरोना को लेकर जिस तरह से हालात बेकाबू हो रहे हैं उसने दुनियाभर की मुश्किल को बढ़ा दिया है। वहीं चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया है और कहा है कि हम चीन में कुछ दवाएं निर्यात करने के लिए तैयार हैं। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने चीन में कुछ दवाओं के निर्यात की बात कही है। बता दें कि भारत दुनिया के शीर्ष दवा निर्माताओं से एक है। चीन में कोरोना के ओमिक्रॉन BF7 वैरिएंट के बीच भारत ने मदद का भरोसा दिया है।
भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत दुनिया में जेनरिक दवाओं का बड़ा निर्माता है, हम चीन की मदद के लिए तैयार हैं। चीन में कोरोना के सख्त लॉकडाउन के खिलाफ कई दिनों से प्रदर्शन चल रहा था, जिसके बाद चीन ने लॉकडाउन में राहत दी और इसके ठीक बाद कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। यही वजह है कि दवाओं की मांग चीन में काफी बढ़ गई है। इसके साथ ही टेस्टिंग किट की भी मांग बढ़ी है। बढ़ती मांग की वजह से मेडिकल स्टोर्स पर इसकी बिक्री को सीमित कर दिया गया है, अब एक ग्राहक सिर्फ एक ही दवा और किट खरीद सकता है।
चीन में कौन क्या खरीद सकता है इसपर भी पाबंदी लग रही है। रिपोर्ट की मानें तो एक व्यक्ति दवा के एक ही प्रकार को खरीद सकता है, वो या तो लिक्विड या फिर टैबलेट ही खरीद सकते हैं। फ्लू के मरीजों के लिए जो सामान्य दवा इस्तेमाल की जाती है उसकी भी चीन में किल्लत देखने को मिल रही है। गौर करने वाली बात है कि बर्लिन ने पहले ही बायोएनटेक कोविड वैक्सीन को चीन भेज दिया है। जर्मनी की सरकार के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा था कि चीन में पहली विदेशी वैक्सीन पहुंच रही है।
चीन में बुखार की सामान्य दवाओं की मांग काफी बढ़ गई ङै। इबूप्रोफेन, पैरासीटामॉल की चीन में काफी मांग बढ़ गई है। फार्मास्यूटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरपर्सन साहिल मुंजाल ने बताया कि चीन से इन दोनों दवाओं की पूछताछ हमारे पास आ रही है। चीन में फिलहाल इन दोनों ही दवाओं की किल्लत है। चीन में इसकी मांग काफी बढ़ गई है। वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम चीन के हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। हमने फार्मेसी के क्षेत्र में हमेशा से ही दुनिया की मदद की है। हालांकि दिल्ली में स्थित चीनी दूतावास की ओर से अभी तक इस बाबत कुछ नहीं कहा गया है।
बता दें कि भारत का चीन में फार्मा एक्सपोर्ट सिर्फ 1.4 फीसदी है। अमेरिका में भारत की सर्वाधिक दवाएं निर्यात होती हैं। इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की ओर से कहा गया है कि हम चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चिंतित हैं। चीन में टीकाकरण की दर काफी कम है, बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है, यही वजह है कि चीन में लोग संक्रमित हो रहे हैं।