अमरपाटन जेईई चौरसिया की मनमानी से उपभोक्ता परेशान,181 की शिकायत पहुंची लेवल 4 पर
अमरपाटन
मध्यप्रदेश शासन के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचार अधिकारियों कर्मचारियों को निलंबित करते हुए लगातार अंकुश लगाने में लगे हैं। वहीं दूसरी तरफ शासन के गद्दी पर बैठे अधिकारी अपनी मनमानी करने पर तुले हुए हैं।विद्युत विभाग के लगातार शिकायत होने के बावजूद सुधार लेने का नाम नहीं ले रहा। एक ऐसा ही मामला अमरपाटन अंतर्गत नादनटोला वार्ड क्रमांक 4 का बताया जा रहा है। जहां के उपभोक्ता कंधीलाल कुशवाहा के मीटर के साथ मीटर रीडर और अमरपाटन विद्युत मंडल के अधिकारी जेई चौरसिया ने ऐसा खेल खेला कि गरीब उपभोक्ता के पैरों तले जमीन खिसक गई। पूरा मामला 6 माह पुराना है।
दरअसल विद्युत मीटर रीडर द्वारा माह जून में मीटर रीडिंग लिया गया। लेकिन 75 यूनिट बिजली चलने के बावजूद 617 यूनिट बताकर 5428 रुपए का बिल थमा दिया गया। विद्युत बिल से घबराए उपभोक्ता के पुत्र अशोक कुमार कुशवाहा ने जब विद्युत विभाग ऑफिस जाकर संपर्क करना चाहा तो अपने रौब का प्रयोग करते हुए जेई द्वारा बिजली का बिल जमा करने के लिए दबाव बनाया गया। बिजली के बिल से घबराए उपभोक्ता ने सहारा लिया 1912 का। जिसमें अपनी शिकायत दर्ज करते हुए समाधान करने की मांग की थी जिसमे निराकरण में उसे बताया गया कि बिल संशोधन के लिए उच्च अधिकारियों तक रिकॉर्ड प्रेषित कर दिया गया है। लेकिन 6 महीना गुजर जाने के बावजूद आज दिनांक तक किसी भी तरह का सुधार नहीं किया गया साथ ही विद्युत के कर्मचारियों द्वारा लगातार दबाव बनाकर बिल जमा करने की धमकी देते रहे। आलम यह हुआ कि अंत में उपभोक्ता ने सीएम हेल्पलाइन 181 का सहारा लेकर शिकायत कर दी।
जिसके जवाब में विद्युत विभाग ने सुधार करने का आश्वासन दिया साथ ही 181 शिकायत वापस लेने के लिए उपभोक्ता पर दबाव बनाया गया। आज स्थिति यह हो चुकी है कि सीएम हेल्पलाइन लेवल 4 पर पहुंच चुकी है लेकिन आज तक विद्युत विभाग के अधिकारियों ने अपने मनमानी रवैया को सुधारने का नाम नहीं लिया बल्कि उपभोक्ता पर अलग-अलग नंबरों से फोन लगाकर शिकायत कटाने के लिए दबाव बनाते रहे। साथ ही विद्युत कनेक्शन काटने का नोटिस भी थमा दिया गया। अपने कमी को छिपाने के लिए विद्युत मंडल के कर्मचारियों ने सीसी 4 के माध्यम से 25% राशि काम करने पर राजी हो गए। लेकिन मजदूरी कर अपना परिवार चला रहा उपभोक्ता मांग कर रहा है कि हमारे मीटर की जांच की जाए और नियमानुसार 75 यूनिट का बिल दिया जाए।
ताकि हम गरीब बिल का भुगतान कर सके। अब देखना यह होगा कि उपभोक्ता द्वारा किए गए शिकायत की स्थिति लेवल 4 पर पहुंच जाने पर भ्रष्टाचार की सीढ़ी पार कर चुके अमरपाटन जेईई चौरसिया पर संभाग और जबलपुर मंडल सहित उच्च अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्यवाही करते हैं याकि फिर आम उपभोक्ता को बिजली के बिल के नाम पर डरा धमका कर जबरदस्ती पैसा वसूलने पर लगे हुए हैं।