महिलाओं, बालिकाओं को सहायता देने कलेक्टर की कमेटी लेगी एक्शन
भोपाल
प्रदेश में महिला और बाल विकास विभाग ने घरेलू हिंसा की पीड़िता के लिए सहायता योजना लागू की है। विभाग ने सभी जिलों के कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस योजना की जानकारी देकर घरेलू हिंसा पीड़ित महिलाओं को योजना का लाभ दिलाने का काम करें। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से शहरी और ग्रामीण इलाकों में जन-जन तक इसका प्रसार करने के लिए भी कहा गया है।
विभाग के अफसरों के अनुसार इस योजना में घरेलू हिंसा की पीड़िता को मध्यप्रदेश की स्थानीय निवासी होना जरूरी है। पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को घरेलू हिंसा के कारण शरीर के किसी भी भंग की स्थायी क्षति के परिणामस्वरूप दिव्यांग होने पर क्षतिपूर्ति सहायता राशि प्रदान की जाएगी। योजना का लाभ पाने के लिए पीड़िता अथवा उसके आश्रित को परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास अथवा प्रशासक वन स्टॉप सेंटर को घटना की दिनांक से एक वर्ष के भीतर आवेदन देना होगा। आवेदन के साथ घटना की एफआईआर दर्ज करने की प्रति देना अनिवार्य होगा। शासकीय मेडिकल बोर्ड से शारीरिक क्षति के आंकलन के पश्चात कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा आवेदनों के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। पीड़िता अथवा आश्रित द्वारा जिला स्तरीय समिति के निर्णय से असंतुष्ट होने पर 60 दिन की अवधि के भीतर संभागायुक्त के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकेंगे।