September 24, 2024

सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ केंद्र का बड़ा कदम, स्‍कूलों में लड़क‍ियों को लगेंगे टीके

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नईदिल्ली
देश में महिलाओं में तेजी से बढ़ने वाले सर्वाइकल कैंसर  (Cervical Cancer) की रोकथाम के ल‍िए सरकार जल्‍द ही स्‍कूली स्‍तर पर सार्वभौम‍िक टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करेगी. केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से इस अभ‍ियान की शुरुआत खासकर 9 से 14 साल की लड़कियों के ल‍िए स्कूलों में की जाएगी.

इस उम्र की क‍िशोर‍ियों को स्‍कूल में ही सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए सर्ववैक वैक्सीन (CERVAVAC Vaccine) के टीके लगाए जाएंगे. और जो क‍िशोरी स्‍कूल में यह नहीं लगवा पाती हैं उनको टीका स्वास्‍थ्‍य सुव‍िधा केंद्र पर इसको उपलब्ध करवाया जाएगा. सर्ववैक वैक्सीन के टीकाकरण अभ‍ियान चलाने का फैसला राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) की सिफारिश पर ल‍िया गया है. इस वैक्‍सीन‍ेशन कार्यक्रम में ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) वैक्सीन को शामिल करने की सिफारिश की गई थी.

एक र‍िपोर्ट के मुताब‍िक इस वैक्‍सीन को भारत में व‍िकस‍ित क‍िया गया है. माना जा रहा है क‍ि भारत में 2023 के मध्य तक स्वदेशी रूप से विकसित इस सर्ववैक वैक्सीन को लगाना शुरू कर द‍िया जाएगा. भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से भी वैक्सीन को मंजूरी दी जा चुकी है. इतना ही नहीं इस वैक्‍सीन को पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम में इस्तेमाल करने के ल‍िए सरकारी एडवाइजरी पैनल NTAGI से भी मंजूरी दी जा चुकी है. बताया जाता है क‍ि 9 से 14 वर्ष की किशोरियों के लिए एक बार का कैच-अप टीका प्रदान किया जाएगा. इसके बाद, इसको 9 साल की बच्चियों को भी द‍िया जा सकेगा. वहीं, भारत में निर्मित एचपीवी वैक्सीन की कीमत ₹200 न‍िर्धार‍ित की गई है.

राज्‍यों और यूटी को दोनों मंत्रालयों ने ल‍िखा पत्र
सर्ववैक वैक्‍सीनेशन ड्राइव को लेकर केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से एक ज्‍वाइंट लेटर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी क‍िया गया है. इन राज्‍यों व प्रदेशों के स्‍कूलों में एचपीवी टीकाकरण केंद्रों (HPV vaccination centres) के आयोजन के लिए उचित निर्देश भी जारी करने का आग्रह क‍िया गया है.

स्‍कूलों में कॉर्ड‍िनेशन के ल‍िए न‍ियुक्‍त होंगे नोडल अफसर
हर सरकारी और निजी स्कूल में कॉर्ड‍िनेशन स्‍थाप‍ित करने के लिए एक नोडल अध‍िकारी की पहचान करने का आग्रह भी क‍िया है जोक‍ि सामांजस्‍य स्‍थाप‍ित कर सकें. उन्‍होंने यह भी आग्रह क‍िया है क‍ि वैक्‍सीनेशन एग्‍ट‍िव‍िटी को लेकर 9-14 साल की लड़कियों की संख्या का एक डेटा तैयार करें. साथ ही पैरेंट्स को पीटीएम के जर‍िए ज्‍यादा से ज्‍यादा इस मामले में जागरूक करें.

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