यूपी में 1790 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति का फैसला, हर साल होंगी 2 हजार भर्तियां
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उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की अध्यक्षता में हुई राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सोसाइटी की शासी निकाय की बैठक में 1790 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति को हरी झंडी दी गई। यह भी फैसला लिया गया कि हर साल 2000 स्टाफ नर्स की भर्ती की जाएगी। इसके लिए प्रधानाचार्यों के अधिकारों में वृद्धि करने का फैसला लिया गया। स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए अलग-अलग फंड बनाए जाने पर भी मुहर लगी।
मंगलवार को योजना भवन में यह अहम बैठक हुई। जिसमें प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) आलोक कुमार के साथ ही विभागीय अफसरों व महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य उपस्थित थे। बैठक कमें नर्सिंग सेवा परिनियमावली को स्वीकृति दी गई।
नर्सिंग सेवा परिनियमावली स्वीकृति के तहत पहले चरण में 1790 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति होगी। नियुक्ति के लिए एसजीपीजीआई को परीक्षा कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। तीन माह में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उप मुख्यमंत्री ने बताया है कि इसी प्रक्रिया को अपनाते हुए हर साल करीब दो हजार नर्सों की नियुक्ति की जाएगी। प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) आलोक कुमार ने बताया है कि दूसरे महत्वपूर्ण निर्णयों में महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को नियुक्ति, अवकाश स्वीकृति, क्रय, अनुरक्षण व अन्य प्रशासनिक व वित्तीय अधिकारों का अनुमोदन किया गया। इससे स्थानीय स्तर पर ही निर्णय लेने में आसानी रहेगी। महाविद्यालयों के बैंक खातों को संचालित करने के लिए भी प्रधानाचार्यों को अधिकार दे दिए गए हैं। इन बैंक खातों में जमा धन का उपयोग मरीजों व छात्रों के हित में किया जाएगा।
दवा व उपकरण खरीदने के लिए रिवाल्विंग फंड
संस्थानों में दवा व उपकरण खरीदने के लिए एसजीपीजीआई की तर्ज पर हॉस्पीटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) व पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी व मरीजों को अन्य जांचें उपलब्ध कराने के लिए इंवेस्टिगेशन रेंडरिंग फंड (आईआरएफ) की व्यवस्था को भी हरी झंडी मिल गई है। इन फंडों के जरिए स्थानीय स्तर पर ही मरीजों को सभी सुविधाएं मिल जाएंगी।