अंतिम प्रणाम, अर्थी को कांधा… मां के आखिरी सफर पर भावुक दिखे PM नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी को रचने-गढ़ने वाली मां हीराबेन नहीं रहीं। उनका शुक्रवार तड़के निधन हो गया। मां के गुजरने की खबर मिलते ही पीएम नरेंद्र मोदी अहमदाबाद पहुंचे। इस दौरान उनके दिल में गम और आंखों में नमी दिखाई दी। छोटे भाई पंकज मोदी के आवास पर पहुंचकर प्रधानमंत्री ने मां को अंतिम प्रणाम किया। मां की अंतिम यात्रा पर वह आगे कांधा देते हुए दिखाई दिए। यही नहीं पीएम नरेंद्र मोदी अपने परिवार के साथ उसी एंबुलेंस में बैठकर गांधी नगर के सेक्टर 30 स्थित श्मशान के लिए निकले, जिसमें मां हीराबेन का शव था। कुछ ही देर में इसी हीरा बा का अंतिम संस्कार होगा।
मां के निधन पर भी मोदी निभाएंगे जिम्मेदारी,कार्यक्रमों में होंगे शामिल
मां की आखिरी यात्रा पर पीएम नरेंद्र मोदी का उनके प्रति प्यार और भावनाएं दिखाई दीं। पीएम नरेंद्र मोदी का अपनी मां हीरा बा के साथ गहरा लगाव था। अकसर वह अपनी मां से मिलने जाते थे तो बेहद भावुक माहौल में मुलाकात करते थे। उन्होंने खुद ही मां के 100 वर्ष पूरे करने पर ब्लॉग लिखा था, जिसमें मां के संघर्ष के बारे में बताया था। उन्होंने लिखा था कि मां ने यह समझ लिया था कि मैं एक अलग राह पर निकल रहा हूं और उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया। हीरा बा की सादगी की भी अकसर चर्चा की जाती रही है।
घर से ही पीएम बनने पर दीं बेटे को शुभकामनाएं, सिर्फ एक बार आईं दिल्ली
इस सादगी को इससे भी समझ सकते हैं कि बेटा जब पहली बार 2014 में देश का पीएम बना तब भी वह घर से ही उन्हें शुभकामनाएं देती हैं। यही नहीं वह दिल्ली में पीएम आवास पर आकर महज तीन दिन ही रुकी थीं। कुछ ऐसी ही सरलता उनकी अंतिम यात्रा पर भी दिखाई दी। किसी आम परिवार की तरह ही उनकी अंतिम यात्रा चली और कोई वीआईपी इंतजाम नहीं रहा। पीएम नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे अपने घरों से ही संवेदना प्रकट करें औऱ विचलित न हों। अंतिम यात्रा की तस्वीरें बताती हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी मां के गुजरने पर किस कदर भावुक थे।
मां के निधन पर भी कार्यक्रम स्थगित नहीं करेंगे PM मोदी
शायद यह मां की प्रेरणा ही है कि उनकी अंतिम यात्रा के दिन भी नरेंद्र मोदी ने अपने पहले से तय कार्यक्रमों को स्थगित नहीं किया है। वह आज भी राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में वर्चुअल माध्यम से शामिल होंगे। पीएम नरेंद्र मोदी अकसर कहते थे कि उन्होंने कर्तव्य पर डटे रहना अपनी मां से सीखा है। यही वजह है कि मां के निधन पर भी वह अपने कर्तव्य पर डटे हुए हैं। परिवार की ओर से जारी बयान में भी कहा गया है कि सभी लोग अपने निर्धारित कार्यक्रमों को पूरा करते रहें। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।