सचिन पायलट का फिर बढ़ा इंतजार, इस्तीफा ले गहलोत समर्थक MLAs ने चल दिया दांव
जयपुर
राजस्थान में सीएम गहलोत के समर्थक माने जाने वाले विधायकों ने इस्तीफे वापस ले लिए है। लेकिन विधायकों के तेवर और सुर बरकरार है। विधायकों का कहना है कि हमें आश्वस्त किया है कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा। विधायकों ने इस्तीफा वापस लेते समय सीएम गहलोत की जमकर तारीफ कर संकेत दिए है कि नेतृत्व परिवर्तन किया तो कांग्रेस के लिए आत्मघाती होगा। विधायक नगराज मीना ने कहा कि चुनावी साल में नेतृत्व परिवर्तन होता है तो इसका खामियाज पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। बता दें, गहलोत समर्थक 90 विधायकों ने 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस्तीफे सौंप दिए थे। राज्य के नवनियुक्त प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के सुलह के बाद गहलोत समर्थक माने जाने वाले विधायक एक-एक करके शनिवार को स्पीकर सीपी जोशी के आवास पर पहुंचे और देर रात अपने इस्तीफे वापस ले लिए। माना जा रहा है कि गहलोत समर्थक विधायकों ने पार्टी आलाकमान मल्लिकार्जुन खड़गे के इशारे पर इस्तीफे नापस लिए लिए है। खड़गे ने विधायकों को नेतृत्व परिवर्तन नहीं करने का आश्वासन दिया है।
विधायकों को दिया भरोसा, बजट गहलोत की पेश करेंगे
बताया जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने गहलोत समर्थक विधायकों को आश्वस्त किया है कि सीएम गहलोत ही बजट पेश करेंगे। बता दें, राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 23 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। सत्र के दौरान सीएम गहलोत बजट पेश करेंगे। पायलट समर्थकों का कहना था कि बजट को कोई तारीख नहीं आई है, ऐसे में यह कहना गलत है कि सीएम गहलोत बजट पेश करेंगे। पायलट समर्थक माने जाने वाले विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा था कि बजट पेश करना सीएम गहलोत का ख्याली पुलाव है। हालांकि, उनके बयान के बाद शाम को ही विधानसभा आहूत करने की राज्यपाल कलराज मिश्र ने अनुमति प्रदान कर दी थी।
इस्तीफा दिया, लेकिन तेवर बरकरार
सीएम गहलोत के समर्थक माने जाने वाले विधायकों ने मीडिया से बात करते हुए इशारों में कहा कि नेतृत्व परिवर्तन का विरोध किया जाएगा। सीएम सलाहकार डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आलाकमान जो निर्णय लेगा, वो हर किसी को मंजूर है। लेकिन उनके 35 साल के सियासी करियर में उन्होंने आज तक इतना काम होते कभी नहीं देखा, जितना बीते 4 साल में हुआ है। कारण बताओ नोटिस पाने वाले राजस्थान के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने साफ कहा कि 23 तारीख से शुरू होने जा रहे बजट को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही पेश करेंगे। आज भी राजस्थान की जनता अशोक गहलोत को ही अपना नेता मानती है। कांग्रेस विधायक नागराज मीणा ने तो बाकी नेताओं से एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि हमने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया था। अपनी मर्जी से ही इस्तीफा वापस ले रहे हैं। लेकिन राजस्थान के सभी विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हैं और राजस्थान में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं हो रहा है। विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा वापस लिया है, क्योंकि अब सब ठीक है। सीएम बदलने वाला मुद्दा भी खत्म हो गया है।