राजस्थान देश में दूसरा सर्वाधिक बेरोजगारी वाला राज्य
जयपुर
हरियाणा के बाद राजस्थान देश में दूसरा ऐसा राज्य है जहां सर्वाधिक बेरोजगारी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (CMIE) की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में सर्वाधिक 37.4 प्रतिशत बेरोजगारी दर हरियाणा में है। इसके बाद राजस्थान में बेरोजगारी की दर 28.50 प्रतिशत है। जबकि बेरोजगारी की राष्ट्रीय औसत दर 8.3 प्रतिशत ही है। ज्ञात रहे कि राजस्थान देश में हरियाणा की तुलना में बड़ा राज्य है। यहां सरकारी नौकरियों को लेकर युवा लंबे समय से आंदोलनरत हैं। राजस्थान में पेपर लीक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक उड़ीसा में सबसे कम 0.9 प्रतिशत बेरोजगारी दर है। गुजरात में 2.3 व कर्नाटक में 2.5 प्रतिशत है। इसी तरह मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दस तीन प्रतिशत के आसपास है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, असम, पुंडुचरी में बेरोजगारी दर 5 प्रतिशत से कम है।
मोदी सरकार नौकरियां छीनने में विश्व गुरु बनी- खड़गे
बेरोजगारी दर की रिपोर्ट आते ही हरियाणा और राजस्थान में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बयान में कहा है कि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की भयावह स्थिति है। क्योंकि यहां बेरोजगारी 10 प्रतिशत से भी ज्यादा है। युवाओं के सपनों को चकनाचूर करने के लिए भाजपा सीधे तौर पर जिम्मेदार है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए ट्वीट में लिखा कि वादा था- सालाना 2 करोड़ नौकरियां देने का। लेकिन आपकी सरकार नौकरियां छीनने में विश्वगुरु बन गई है।
राजस्थान के भाजपा नेता बोले- यहां युवाओं का भविष्य अंंधकार में है
कांग्रेस और भाजपा दोनों एक-दूसरे पर हमलावर हैं। क्योंकि इन दोनों राज्यों में भाजपा और कांग्रेस की सरकारें हैं। राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि जब से यह सरकार आई है। बेरोजगारी में राजस्थान कभी एक नंबर तो कभी दूसरे नंबर पर है। 17 लाख ग्रेजुएट बेरोजगारों के साथ पहले स्थान पर है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक ग्रेजुएट बेरोजगारों द्वारा आत्महत्या में पहले नंबर पर है। जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दंभ भरते हैं कि वे बजट युवाओं को समर्पित करेंगे। जबकि यहां युवाओं का भविष्य अंधकार में है। पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहाकि गहलोत सरकार रोजगार देने के मामले में पूरी तरह फेल रही है। ना तो रोजगार के अवसर बढ़ाने की व्यवस्था कर पाई और ना ही सरकारी नौकरियां की परीक्षाओं के पेपर लीक होने से रोक पाई। जिससे युवाओं का भविष्य अंधकार में है।
हरियाणा के नेताओं ने कहा- जब तक यह सरकार रहेगी हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन ही रहेगा
इधर, हरियाणा की पूर्व कैबिनेट मंत्री किरण चौधरी ने टवीट करके कहा है कि यहां जब तक जजपा-भाजपा सरकार है तब तक हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन था और नंबर 1 ही रहेगा। इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव आर. एस. चौधरी ने कहा है कि हरियाणा पिछले 23 साल से बेरोजगारी में देश में नंबर वन पर रहा है, अभी भी नंबर वन बना हुआ है। भाजपा-जजपा की सरकार भर्तियां नहीं कर पा रही है। बल्कि अपने लोगों को कौशल रोजगार निगम के जरिए बैकडोर एंट्री दे रही है। यह केवल कंपनी एक्ट में बनी सोसायटी है ना कि कोई संवैधानिक संस्था है।