November 12, 2024

ओवैसी की हुंकार से घबराए तेजस्वी, आरजेडी ने तैयार किया स्पेशल प्लान

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पटना

नए साल की शुरुआत ने कड़ाके की ठंड में विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से खेली जा रही एक अजीबोगरीब राजनीति को सामने ला दिया है। बिहार की प्रमुख पार्टियां अब राजनीतिक जल का परीक्षण करने के लिए मैदान में उतर गई हैं। इसी कड़ी में राजद ने मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए सीमांचल के लिए अलग से प्लान तैयार किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरह ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के लिए यात्रा का प्लान बनाया गया है। आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा, 'हम भी सीमांचल में रैलियां करेंगे, जिसके लिए दौरे के कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं।' लेकिन माना जा रहा है कि ओवैसी की हुंकार ने RJD में मुस्लिम मतदाताओं के छिटकने का डर भर दिया है।

नीतीश की तरह तेजस्वी भी निकलेंगे यात्रा पर
RJD के मुताबिक, इसी महीने शुरू होने वाली यात्रा में महागठबंधन के विभिन्न सहयोगी भी हिस्सा लेंगे। आरजेडी जो मुस्लिम-यादव (एमवाई) मतदाताओं को अपनी ताकत मानता है। इधर तेजस्वी लगातार आरजेडी के 'ए टू जेड' की पार्टी होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन उन्हें भी ये बखूबी पता है कि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के साथ सीमांचल में बहुत कुछ दांव पर लगा है। ओवैसी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहा है और विभाजन का कारण बन रहा है। यही आरजेडी की चिंता भी है।

ओवैसी की हुंकार
एक निजी टीवी चैनल पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में ताल ठोकी है। ओवैसी ने खुले मंच से कहा था कि 'हम देश में किसी और जगह से चुनाव लड़ें या न लड़ें लेकिन बिहार के किशनगंज से अपना उम्मीदवार जरूर देंगे।' ओवैसी के इसी दावे ने महागठबंधन में खलबली मचा दी। इससे पहले 2020 के विधानसभा चुनावों में एआईएमआईएम ने सीमांचल की 24 विधानसभा सीटों में से पांच पर जीत हासिल की थी। सीमांचल में पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार शामिल हैं। किशनगंज में मुसलमानों की अनुमानित 67%, कटिहार में 43%, अररिया में 40% और पूर्णिया में 38% आबादी है।

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