जल्दा मुड़िया प्रदेश में शराबबंदी करने वाला गांव बना, शराब बेची या पी तो एक हजार का जुर्माना
डिंडौरी
पेसा एक्ट के तहत शराबबंदी करने वाला जल्दा मुड़िया डिंडौरी जिले का पहला गांव है। यहां पहली बार एक जनवरी को तेरहवीं का कार्यक्रम बिना नशे के हुआ है। जल्दा मुड़िया गांव के ग्राम सभा अध्यक्ष राजकुमार ने बताया, 30 दिसंबर को पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभा का आयोजन हुआ था। गांव की महिलाओं और पुरुषों ने एक मत होकर गांव में शराबबंदी करने की आवाज उठाई। इसके बाद ग्राम सभा में यह तय हुआ कि गांव में शराब बनाते या बेचते पाया जाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
गांव की सरपंच सुनीता वनवासी ने बताया, गांव के जिस घर में शादी, विवाह, जन्मोत्सव या पूजा होगी। उस घर के लोगों को ग्राम सभा में आकर जानकारी देनी होगी। इसके बाद उन्हें चार लीटर शराब तक के उपयोग की छूट मिल सकेगी।
ग्राम सदस्यों को दी निगरानी की जिम्मेदारी…
ग्राम सभा अध्यक्ष राजकुमार ने बताया, जल्दा मुड़िया गांव में तीन सौ परिवार रहते हैं। यह तीन सौ परिवार सात टोला में रहते हैं। इन सातों टाला की जिम्मेदारी ग्राम सभा सदस्यों को दी है। यह अपने-अपने टोला की निगरानी रखकर शराबबंदी को लागू करेंगे। अजय सिंह को इमली टोला, प्रीतम सिंह को केकर टोला, टंकेश्वरी सिंह को खेरो टोला, सिया बाई को कोटवार टोला, पंचम सिंह को डकी टोला, ज्योति बाई को स्कूल टोला, सुरेश को उमरहा टोला की जिम्मेदारी दी है।
लोगों को दी महुआ का काम बंद करने की हिदायत…
राजकुमार ने बताया, जल्दा मुड़िया गांव में तीन महुआ की दुकानें हैं। इस गांव में 15 परिवार मुहआ से शराब बनाने के कारोबार से जुड़े हैं। इन सभी परिवारों को ग्राम सभा की बैठक में बुलाकर सख्त हिदायत दी गई है। उनसे कहा कि दुकान का महुआ खत्म हो जाने के बाद अब दोबारा महुआ नहीं मगाएंगे।
30 दिसंबर से न शराब बेची, न किसी ने पी...
राजकुमार ने बताया कि एक जनवरी को गांव में मृतक दशरथ पिता फागू (55) दाशगात्र (तेरहवीं) कार्यक्रम हुआ। यह जल्दी मुड़िया गांव के कार्यक्रमों के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी ने भी शराब का सेवन नहीं किया हो। 30 दिसंबर जब से ग्राम सभा में शराबबंदी हुई है, तब से शराब किसी ने भी न शराब बेची है और न ही किसी ने पी है।
शराबबंदी से महिलाएं खुश…
जल्दा मुड़िया गांव में ग्राम सभा ने शराबबंदी का प्रस्ताव पारित किया, उसके बाद महिलाएं बहुत खुश हैं। शशि कला मरकाम ने कहा, शराब के कारण गांव में आए दिन विवाद होते थे। शराब लोगों की असमय मृत्यु का कारण बनती थी। शराब के नशे में मर्द महिलाओं को पीटा करते थे। अब प्रस्ताव पारित हो जाने से गांव में सुख शांति का वातावरण बनेगा।
15 नवंबर को मध्यप्रदेश में लागू हुआ था पेसा एक्ट…
15 नवंबर को मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने पेसा एक्ट लागू होने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 नवबंर को शहपुरा वीरांगना रानी दुर्गवती स्टेडियम में पेसा एक्ट जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसी दिन गुरैया गांव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पेसा एक्ट की पहली बैठक ली थी। गांव की दीपमाला मरावी के तीन माह के बेटे का नामकरण पेसा किया था।