November 26, 2024

बर्बादी के मुहाने पर आकर भी पाकिस्तान की अक्ल नहीं आई ठिकाने, चीन से 10 अरब डॉलर का लेगा नया लोन

0

पाकिस्तान 
पाकिस्तानी रिजर्व बैंक ऑफ के मुताबिक, पिछले हफ्ते पाकिस्तान के पास सिर्फ 6.8 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा था और इस साल उससे कहीं ज्यादा पाकिस्तान को कर्ज का ब्याज चुकाना है। यानि, अगर पाकिस्तान को किसी और देश से कर्ज नहीं मिलता है, तो देश डिफॉल्ट हो जाएगा। लेकिन, दूसरी तरफ अपने एक प्रमुख रेल परियोजना के लिए पाकिस्तान, चीन से करीब 10 अरब डॉलर का एक नया कर्ज ले रहा है और विश्लेषकों का कहना है, कि नया चीनी लोन भविष्य में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए अतिरिक्त जोखिम पैदा कर सकता है।

रेल प्रोजेक्ट के लिए चीनी लोन
पाकिस्तान चीन से लोन लेकर पेशावर से कराची तक रेल लाइन बनाना चाहता है, जिसका नाम ML-1 प्रोजेक्ट है और उसके लिए वो चीन से 9.8 अरब डॉलर का लोन लेने के लिए तैयार है। लेकिन, पिछले चार सालों से ये प्रोजेक्ट इसलिए रूका हुआ है, क्योंकि चीन ने अभी तक लोन को फाइनल नहीं किया है। जिसके बाद पाकिस्तान ने इस प्रोजेक्ट को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे यानि, CPEC का हिस्सा बनाया और चीन, पाकिस्तान को लोन देने के लिए तैयार हो गया। पिछले साल नवंबर में, पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा था, कि बीजिंग इस रेल परियोजना को "फास्ट-ट्रैक" करने पर सहमत हो गया है। यह फैसला उस वक्त लिया गया, जब पाकिस्तान और चीन की एक ज्वाइंट कॉर्डिनेशन कमेटी ने इस प्रोजेक्ट को हाई लेवल मीटिंग की और इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रतिबद्धता जताई।

चीन पर कितना निर्भर है पाकिस्तान?
पाकिस्तान अपनी मूलभूत जरूरतों को पूरा कर सके, इसके लिए उसे चीन और सऊदी अरब पर निर्भर रहना पड़ता है और पिछले साल अगस्त में इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड यानि IMF ने कई शर्तों के साथ पाकिस्तान को 1.1 अरब डॉलर का लोन दिया था। कई रिपोर्ट्स में कहा गया है, कि इस साल पाकिस्तान डिफॉल्ट हो सकता है। वहीं, रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि एमएल-1 परियोजना पर काम इस साल मार्च की शुरुआत में शुरू हो सकता है। पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने हाल ही में फाइनेंशियल टाइम्स को बताया है, कि परियोजना पर काम कई चरणों में होगा और इसकी शुरुआती लागत 3 अरब डॉलर की होगी। उन्होंने कहा कि, ये कर्ज चीन को अगले 20 से 25 सालों में चुकाया जाएगा और चीन का ये कर्ज "रियायती" होगा। लेकिन, विशेषज्ञों को इस बात पर संदेह है।

बेपरवाह होकर कर्ज क्यों लेता है पाकिस्तान?
एक्सपर्ट्स का कहना है, कि ऐसा लगता है कि पाकिस्तान अपने मौजूदा आर्थिक संकट के बावजूद चीनी लोन लेने के लिए बेकरार है, जबकि पाकिस्तान का चालू घाटा (current account deficit) काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है। वहीं, चीन के कर्ज के अलावा भी पाकिस्तान के ऊपर करीब 100 अरब डॉलर का बाहरी कर्ज है। आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान के कुल विदेशी ऋण का 30 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ चीन का है, जिसे पाकिस्तान नहीं चुका पा रहा है। चीन से पाकिस्तान ने करीब 30 अरब डॉलर का कर्ज पहले ही ले रखा है और नये लोन को शामिल कर लें, तो ये कर्ज बढ़कर 40 अरब डॉलर का हो जाएगा। चीन के अलावा पाकिस्तान ने IMF, वर्ल्ड बैंक और एशियाई विकास बैंक से भी भारी कर्ज ले रखा है।

कर्ज के सहारे चलता पाकिस्तान?
इसके अलावा भी पाकिस्तान ने अलग अलग प्रोजेक्ट के लिए अरबों डॉलर का कर्ज ले रखा है। इस्लामाबाद स्थित SDPI के आंकड़ों से पता चलता है, कि चीन, पाकिस्तान के साथ मिलकर जिस सीपीईसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, उसका बजट साल 2015 से 2030 के बीच 62 अरब डॉलर का है, जिसमें पाकिस्तान को 27.4 अरब डॉलर निवेश करना है। पिछले 3 सालों से पाकिस्तान ने इस प्रोजेक्ट में पैसे लगाना बंद कर दिया है, लिहाजा सीपीईसी प्रोजेक्ट ठप पड़ गया है। ऐसे में रेल लाइन के लिए चीन से और कर्ज लेना पाकिस्तान के लिए अपने भविष्य को अंधेरे में डालना है और ऐसा लगता है, कि पाकिस्तान आंख मुंदकर लोन लिए जा रहा है। वहीं, पाकिस्तान कहता है, कि उसे चीन से रियायदी दरों पर लोन मिलता है, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है, कि पाकिस्तान दूसरी संस्थाओं के तुलना में चीन से 1 से 2 प्रतिशत तक ज्यादा ब्याज दरों पर लोन लेता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed