November 27, 2024

सर्दी में नसों की सिकुड़न दिल का घोंट रही गला, बचाव के लिए ये करें उपाय

0

 लखनऊ 

सर्दी में नसों की सिकुड़न दिल का गला घोट रही है। हार्ट अटैक व ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। बढ़ी संख्या में मरीज इमरजेंसी में आ रहे हैं। इन्हें आईसीयू या फिर वेंटिलेटर पर भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। ओपीडी में भी 30 से 40 फीसदी दिल व सिर की बीमारी के मरीज बढ़ गए हैं। अकेले केजीएमयू लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी और इमरजेंसी में 50 से ज्यादा मामले हार्ट अटैक या दिल की बीमारियों के आ रहे हैं।

लोहिया संस्थान में कॉर्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी के मुताबिक सर्दियों में सभी उम्र के लोगों को अधिक संभल कर रहने की जरूरत है। ऐसे में हार्ट अटैक व दिल के फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। इसकी वजह धमनियों का सिकुड़ना है। उन्होंने बताया कि ठंड में धमनियां उर्जा बचाने के लिए सिकड़ जाती है। ऐसे में अंगों में खून की आपूर्ति के लिए दिल को अधिक ताकत लगानी पड़ती है। पर्याप्त खून अंगों को न मिलने से मरीज तमाम तरह की गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाता है। सबसे ज्यादा हार्ट अटैक होता है। दिल फेल हो जाता है। कई बार सिर को खून नहीं पहुंच पाता है। इससे ब्रेन स्ट्रोक भी हो जाता है।

मीठा खाने से बीमारियों का खतरा दो गुना
डॉ. भुवन के मुताबिक सर्दियों में मीठा व तला भुना खाने से बचना चाहिए। क्योंकि ज्यादा चिकनाई युक्त भोजन करने से धमनियों में वसा जम जाता है। पहले से सिकुड़ी नसों में वसा जमने से हार्ट अटैक का खतरा दो गुना तक बढ़ जाता है। वहीं लोगों को सर्दियों में प्यास कम महसूस होती है। नतीजतन लोग पानी भी कम पीते हैं। वहीं पेशाब अधिक लगती है। मीठा ज्यादा खाते हैं। इससे खून गाढ़ा हो जाता है। जो धमनियों में चिपक जाता है। खून के थक्के बन जाते हैं। दिल को पर्याप्त खून नहीं मिल पाता है। हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट फ्ल्योर का खतरा बढ़ जाता है।

ये करें उपाय

-गुनगुना पानी थोड़ी-थोड़ी देर में पीते रहे
-टोपी, स्वेटर समेत दूसरे कपड़े अच्छी तरह से पहने
-सैर पर निकलने से बचें
-धूप में बैठकर कसरत करें
-दिल व बीपी के मरीज नियमित दवाएं लें
-तली भुनी वस्तुएं के सेवन से परहेज करें।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *