November 15, 2024

अयोध्‍या: 98 की उम्र में रिहाई पर घर से लेने न आया कोई, फिर जेल अधीक्षक ने किया ये काम 

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 अयोध्या 

रामनगरी अयोध्‍या की जेल से 98 साल की उम्र में एक बुजुर्ग को रिहाई मिली तो बाहर आकर उनकी आंखें अपनों को तलाशने लगीं। उम्र के इस पड़ाव पर बुजुर्ग को लेकर घर से कोई नहीं आया था। उन्‍होंने अपनी सारी जिंदगी जेल में काट दी। इस दौरान बाहर की दुनिया बिल्‍कुल बदल ही गई होगी। यही सोचकर बुजुर्ग अपने आगे के जीवन को लेकर निराश इधर-उधर देख रहे थे कि तभी जेल कर्मियों ने कुछ ऐसा किया जिसकी किसी को उम्‍मीद नहीं थी। जेल से रिहाई पर जेल कर्मचारियों ने बुजुर्ग को न सिर्फ विदाई दी बल्कि जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने अपनी गाड़ी से उन्हें उनके घर तक पहुंचवाया भी। बुजुर्ग की रिहाई और विदाई का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। 

बुजुर्ग का नाम राम सूरत है। उन्‍हें एक मामले में पांच साल तक जेल में कैद रखा गया। रामसूरत को आईपीसी की धारा- 452, 323 और 352 के तहत दोषी ठहराया गया था। सजा काटने के बाद रामसूरत की रिहाई तब संभव हो पाई जब अयोध्‍या के एक सामाजिक कार्यकर्ता शैलेन्‍द्र मोहन मिश्रा ने उन पर न्‍यायालय द्वारा लगाया गया साढ़े 11 हजार रुपए का जुर्माना जमा किया। रिहाई से पहले जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्र बुजुर्ग को जेल में आमद के समय जमा कराए गए साढ़े नौ हजार रुपए सुपुर्द किए। रामसूरत की रिहाई आठ अगस्‍त 2022 को होने वाली थी लेकिन 20 मई 2022 को कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्‍हें 90 दिन के पेरोल पर भेज दिया गया था। 

रिहा होने के वक्‍त बुजुर्ग रामसूरत को लेने कोई नहीं आया। तब जेलकर्मियों में इसकी चर्चा होने लगी कि इस उम्र में वह जाएंगे कहां? प‍ता नहीं इनका कोई अपना परिवार है भी या नहीं। सर्दी के मौसम में रामसूरत के सामने रिहाई के बाद कैसे और कहां जाएं का सवाल खड़ा हो गया। उनकी नज़रें इधर-उधर घूमकर अपनों को खोज रही थीं। तब जेल कर्मचारियों ने उन्‍हें विदाई दी। बाद में रिहाई के इस वीडियो को डीजी (यूपी जेल) आनंद कुमार ने ट्विटर पर पोस्‍ट किया। इस वीडियो में अयोध्‍या जेल के अधीक्षक शशिकांत मिश्रा बुजुर्ग रामसूरत से यह कहते नज़र आ रहे हैं कि पुलिस उन्हें उनके स्थान पर छोड़ देगी। वीडियो में जेल अधीक्षक, बुजुर्ग को कार तक ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। 

वीडियो को शेयर करते हुए डीजी जेल ने कैप्शन में लिखा है, “परहित सरिस धर्म नहीं भाई. 98 वर्षीय श्री रामसूरत जी की रिहाई पर कोई लेने नहीं आया। अधीक्षक जिला जेल अयोध्या श्री शशिकांत मिश्रा की गाड़ी से उन्हें घर छोड़ा जा रहा है।' इस वीडियो पर कई लोगों ने अपने कमेंट में जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा की तारीफ की है। 
 

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