रीवा मे जाल साज़ी का एक बड़ा मामला सामने आया, न्यायालय को भी नहीं बक्शा लालची परिजनों ने
रीवा
मुआवजा लेकर लगा दिया मुकदमा शासन के पैसे को अवैध रूप से हासिल कर शपथ पत्र का किया खंडन ऐसे मामले मे आईपीसी की धारा 420, 467, 468 के प्रावधान निहित हैँ पुलिस ने बार बार शिकायत करने पर भी नहीं की कोई कार्यवाही
शायद पुलिस कर रही बड़ी वारदात का इंतजार जबरन JCB लगवाकर खोद रहे भाई के हिस्से की मेड न्यायालय मे झूठा प्रकरण लगाकर परिजन दिन दहाड़े डाल रहे डकैती रीवा मे कुछ समय पूर्व प्रॉपर्टी डीलर रोहणी पटेल की हत्या जैसी वारदात हो चुकी है उक्त मामले मे भी प्रारंभिक अवस्था मे पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया था जमीनो की हेराफेरी करनेवाले तरह तरह के हथिकंडे अपना के भूमि को हासिल करने की फिराक मे रहते हैँ।
रीवा मे जाल साज़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है जहाँ एक 73 वर्षीय ब्रद्ध के साथ आरोपी गण द्वारा जालसज़ी करते हुए ब्रद्ध के ऊपर झूठा मनगढ़त मामला न्यायलय मे चलवा रहे हैँ l बात की जा रही कोस्टा निवासी बुजुर्ग बैद्यनाथ तिवारी की जो की पुलिस विभाग की 40 वर्ष सेवा कर 2011 मे सेवनिवृत्त हुए थे l सेवा समाप्ति के पश्चात् बुजुर्ग के भाई वा भतीजो द्वारा पैतृक संपत्ति मे उसका हिस्सा देने से मना किया जाने लगा तब व्यथित बुजुर्ग ने न्यायलय मे व्यवहार वाद दायर किया था जो की न्यायालय मे विचाराधीन था l
2013 मे राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 के चौडीकरण हेतु कुछ भूमियो के आंशिक रक्वो का अधिग्रहण किया गया था जिनका मुआवजा शासन के द्वारा निर्धारित कर तैयार किया गया था लेकिन बुजुर्ग बैद्यनाथ तिवारी द्वारा आपत्ति लगाई गयीं थी के पैतृक संपत्ति का मुआवजा सभी को बराबर बराबर देना उचित होगा फ्लतः मुआवजा लेने की लालच मे लालची परिजनों ने स्वयं शपथ पत्र देकर इस आशय की घोषणा कर दी की बैद्यनाथ का हिस्सा बराबर बराबर है सभी को एक समान मुआवजा राशि दी जाए l
सभी ने अपने अपने हक हिस्से का मुआवजा ले कर न्यायलय नायब तहसीलदार वृत्त पहड़िया के न्यायलय मे प्रकरण क्रमांक 0294A/2021-22 के माध्यम से समस्त पैतृक संपत्ति का वारिसाना नामंत्रण करवा लिया l इसके बाद बुजुर्ग को विचाराधीन वाद को वापस लेने का दवाब बनाने लगे ज़ब बुजुर्ग ने अपना पुराना वाद वापस ले लिया तब बुजुर्ग के छोटे भाई की पत्नी प्रमिला देवी पत्नी अवध शरण, संजीव तिवारी पिता बसंत राम तिवारी, शैलेश तिवारी पिता बसंत राम तिवारी द्वारा एक कुटरचित फर्जी वसीयतनामा तैयार कर न्यायलय मे वाद दायर कर दिया गया वा मौके पर बुजुर्ग की भूमि पर बेजा कब्ज़ा करने का कुत्सित प्रयास करने लगे l बुजुर्ग की उम्र 73 वर्ष है वा बुजुर्ग ब्राद्धवस्था जनीत बीमारियों का शिकार है चलने फिरने उठने बैठने मे भी बुजुर्ग को समस्या होती है l बुजुर्ग की इस स्थिति का लाभ लेकर लालची परिजन बुजुर्ग की संपत्ति हड़पने का ताना बाना बुन रहे बुजुर्ग के एक पुत्र है उसके पुत्र को भी मारपीट कर झूठी शिकायतें कर फसा देने की साज़िश रच रहे l आखिर बुजुर्ग का इंसाफ कौन करेगा क्या बुजुर्ग व्यक्ति को संपत्ति अंतरण करना आवश्यक है क्या देश का वारिष्ठ नागरिक जिसने अपना पूरा जीवन देश की सेवा मे लगाया हो उसके साथ ऐसी अनैतिकता घोर अत्याचार किया जाना उचित है