राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से जुड़कर महिला बन रही आत्मनिर्भर
एकता स्वसहायता समूह की दीदियों ने शुरू किया व्यवसाय
मंडला
दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के माध्यम से सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही है। जिले में स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने विशेष पहल की जा रही है। इसी के चलते महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपने परिवार का पालन-पोषण भी अच्छे से कर पा रही हैं।
एकता स्वसहायता समूह की अध्यक्ष अनीता नंदा ने बताया कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन नगरपालिका मण्डला द्वारा वर्ष 2015 में गठन किया, एकता स्व-सहायता समूह में कुल 10 महिलाएं हैं। हम समूह की सभी दीदियां मिलकर पहले खाद्य सामाग्री निर्माण में पापड़, आचाऱ, बडी का निर्माण कर मोहल्ले में ही बेचा करते थे। एकता स्वसहायता समूह की दीदियों ने कहा कि नगरपालिका के माध्यम से समूह से जुडने के बाद आपसी बचत से अपने व्यवसाय को आगे बढाना चाहते थे। अब हम खाद्य सामाग्री निर्माण में सभी सदस्यों के सहयोग से मशरूम के पापड, कोदो कुटकी के पापड, एवं आचार ,बडी निर्माण कर शहर की बडी दुकानों, हॉट बाजार के माध्यम से बेचा भी करते हैं। एकता स्व सहायता समूह की दीदियों का कहना है कि समूह के व्यवसाय से आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है और समूह को 10 से 15 हजार रूपए प्रतिमाह की आमदनी हो रही है। दीदियों का कहना है कि आजीविका मिशन आने से बहुत से परिवारों को स्वयं का व्यवसाय शुरू करने का अवसर मिला है। गरीबों के उत्थान के लिए राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है।