ऑस्ट्रेलियन ओपन में रूस और बेलारूस के झंडे पर लगा प्रतिबंध, यूक्रेन के राजदूत ने की थी शिकायत
यूक्रेन
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर अब साल के पहले ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन पर पड़ चुका है। दरअसल, मेलबर्न पार्क में चल रहे इस टूर्नामेंट में रूस और बेलारूस के झंडों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कार्रवाई यूक्रेन के राजदूत की शिकायत के बाद की गई है। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच 21 फरवरी से चल रहे युद्ध को एक महीने बाद एक साल हो जाएगा। इस युद्ध को लेकर रूस और बेलारूस को कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ऐसे प्रतिबंध का सामना पहले भी किया जा चुका है।
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलियन ओपन में सोमवार को रूस की टेनिस स्टार कामिला राखिमोवा और यूक्रेन की कैटरीना बैंडल के बीच मुकाबला था। इस मैच में यूक्रेन के साथ-साथ रूस के समर्थक भी अपने झंडे लेकर आए थे। इस मैच से जुड़ी एक फोटो यूक्रेन के राजदूत वासिल मायरोशनिचेंको ने सोशल मीडिया पर साझा की थी। इस फोटो में कोर्ट के बगल में भीड़ में से रूसी झंडा लटका हुआ दिखा था। यूक्रेन के राजदूत ने इसका विरोध किया था, जिसके बाद मंगलवार को रूस और बेलारूस के झंडों पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
यूक्रेन के राजदूत ने की थी शिकायत
यूक्रेन के राजदूत मायरोशनिचेंको ने ट्विटर पर फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, "मैं आज ऑस्ट्रेलियन ओपन में यूक्रेन की टेनिस खिलाड़ी कैटरीना बैन्डल के खेल के दौरान रूसी झंडे के सार्वजनिक प्रदर्शन की कड़ी निंदा करता हूं, मैं ऑस्ट्रेलिया टेनिस फेडरेशन से टूर्नामेंट में रूसी झंडे पर प्रतिबंध का आह्वान करता हूं।" टेनिस ऑस्ट्रेलिया ने दोनों देशों के झंडों पर मंगलवार को प्रतिबंध लगा दिया। टेनिस ऑस्ट्रेलिया की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, "ऑस्ट्रेलियाई ओपन में रूस और बेलारूस के झंडों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।"
'हमने झंडे लाने की अनुमति दी थी, उसका प्रदर्शन करने की नहीं'
टेनिस ऑस्ट्रेलिया की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमारी प्रारंभिक नीति यह थी कि प्रशंसक झंडों को अंदर ला सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह का व्यवधान पैदा करने के लिए उनका उपयोग नहीं कर सकते हैं। कल हमें ऐसी ही एक घटना के बारे में पता चला, जिसमें झंडे को कोर्ट के सामने रख दिया गया था, जिसके बाद हमने प्रभावी रूप से अब झंडे पर प्रतिबंध लगा दिया, बाकि प्रशंसक टेनिस का आनंद लें।
आपको बता दें कि रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को पिछले साल विंबलडन टूर्नामेंट में भी प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि ऑस्ट्रेलियन ओपन में इन दोनों देशों के खिलाड़ियों को हिस्सा लेना बैन नहीं किया गया।