बिहार में अगले महीने से शुरू होगा तीसरे और चौथे चरण का जमीन सर्वे, संविदाकर्मियों का वेतन बढ़ेगा
बिहार
बिहार सरकार फरवरी में तीसरे और चौथे चरण का विशेष भू-सर्वेक्षण शुरू करेगी। इसकी तैयारी चल रही है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए व्यापक कार्ययोजना बनाई है। इस समय 20 जिलों में यह कार्य चल रहा है। इन जिलों के 89 अंचलों के 208 शिविरों में के तहत 4989 गांवों में विशेष सर्वेक्षण का कार्य हो रहा है। यहां 2729 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 282 कानूनगो एवं 164 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों को यह जिम्मेवारी सौंपी गई है।
जमीन सर्वे के पहले चरण में किशनगंज, कटिहार, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, जहानाबाद, शेखपुरा, अररिया, पूर्णिया, सीतामढ़ी, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पश्चिम चंपारण, जमुई, मुंगेर, नालंदा, शिवहर, बांका व अरवल जिले में सर्वे का काम हो रहा है। यहां अबतक लगभग 4000 गांवों में किस्तवार, 1200 गांवों में कानापुरी, 800 गांवों में खेसरा पंजी का निर्माण कर 700 राजस्व गांवों में रैयतों के मध्य खानापुरी पर्चा व एलपीएम का वितरण किया गया है। लगभग 400 राजस्व गांवों में प्रारूप अधिकार अभिलेख व 200 में अंतिम अधिकार अभिलेख एवं मानचित्र प्रकाशित किया गया है।
दूसरे चरण में इन्ही जिलों के शेष 131 अंचलों के 9600 गांवों में काम हो रहा है। यहां 5000 गांवों में खतियान की विवरणी तैयार की गयी है। इस चरण का कार्य इस साल अगस्त तक पूरा होगा। इन कार्यों के लिए 6875 पद स्वीकृत किए गये हैं। इनमें 4130 विशेष सर्वेक्षण कर्मी कार्य कर रहे हैं। कार्यबल उपलब्ध होने पर तीसरे और चौथे चरण में 13 जिलों में 205 अंचलों में यह कार्य शुरू करने की योजना है।
संविदाकर्मियों का बढ़ेगा वेतन
जमीन सर्वेक्षण में जुटे कर्मचारियों के वेतनवृद्धि पर विचार हो रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया है। यही नहीं यात्रा भत्ता को लेकर भी सकारात्मक पहल की जा रही है। ऐसे में विभाग के सचिव जय कुमार सिंह ने हड़ताल पर गए संविदाकर्मियों से अपने कार्य पर वापस आने की अपील की है। साथ ही हड़ताल कर रहे कर्मियों को यह भी बताया गया कि राज्य सरकार की अति महत्वपूर्ण विशेष सर्वेक्षण योजना को बाधित करने के कारण कर्मियों को दंडित भी किया जा सकता है।