अध्यक्ष एवं सचिव प्रवासी आयोग ने श्रमिकों से किया संवाद
पलायन रोकने के लिये मजदूरों से चर्चा कर सुझाव का पालन प्रतिवेदन सरकार को सौंपेगें
छतरपुर
म.प्र. के प्रवासी आयोग के अध्यक्ष भागचन्द्र उईके और सदस्य विनोद रिछारिया ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष छतरपुर में मजदूरों और मजदूर हितों से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुये मजदूरी के लिये अन्य प्रदेशों में जाने की स्थिति में मिलने वाली मजदूरी और होने वाले कठिनाईयों के साथ जिले में किस प्रकार का कार्य करना चाहते है की जानकारी ली। वर्ष 1989 के श्रम कानून का बेहतर क्रियान्वयन हो इसके लिये प्रदेश सरकार संकल्पित है।
मजदूर किस विषम कठिनाइयों और परिस्थितियों में रोजगार के लिये पलायन करते है, इसके संबंध में मजदूरों से चर्चा करते हुये फरवरी माह में प्रतिवेदन सरकार को सौंपेगें। बैठक में श्रम निरीक्षक उमेश चन्द्र शर्मा, मजदूरों सहित सीईओ जनपद पंचायत, सीएमओ नगरपालिका, नगरपरिषद और श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
श्री उईके ने श्रमिक एवं प्रवासी श्रमिकों से चर्चा करते हुये श्रमिक आयोग के गठन के उद्देश्य को रेखांकित करते हुये बताया कि प्रदेश से देश के अन्य प्रांतों में मजदूरी के लिये जाने वाले श्रमिकों की पहचान करना और उन्हें स्थानीय स्तर पर क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुये रोजगार सृजन कराना मुख्य उद्देश्य है।
कोविड-19 की स्थिति के कारण ही प्रवासी मजदूरों की पहचान हुई। केन्द्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश सरकार द्वारा प्रवासी आयोग का गठन करते हुये उनके कल्याण के लिये हितकारी योजना बनाई गई। प्रदेश में कोविड काल में लगभग 15 लाख प्रवासी लोगों की पहचान की गई। रोजगार के पलायन को रोकने के लिये गठित प्रवासी आयोग रोजगार के लिये पलायन करने वाले लोगों के लिये संवाद स्थापित करते हुये कार्य करना चाहती है। उन्हें कौशल के विकास का प्रशिक्षण देकर स्थानीय स्तर पर ही रोजगार देना मुख्य उद्देश्य है।
सदस्य विनोद रिछारिया ने उपस्थित श्रमिकों को कल्याणकारी कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी देते हुये रोजगार सृजन के लिये ग्राम एवं जिले स्तर में कौन-कौन से रोजगार सृजन हो सकते है की जानकारी दी। मजदूरों के रोजगार के लिये बाहरी प्रांतों में जाने की स्थिति में परिवार के सदस्यों वंशागत कार्यों का कौशल प्रशिक्षण दिलाने की जानकारी दी। आपने श्रमिकों से स्थानीय भौगोलिक स्थिति के अनुसार कौन-कौन से रोजगार सृजन हो सकते है की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि रोजगार पलायन की स्थिति में बच्चों की परवरिश करने वाला एक हाथ उनसे दूर हो जाता है, आप परिवार का मुख्य सुरक्षा कवच है। बाहर जाने के बजाय स्थानीय स्तर पर किस प्रकार के काम करना चाहते है का प्रशिक्षण दिलाते हुये रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से मजदूरों से चर्चा की गई है।