October 3, 2024

बिहार में शराबबंदी का सचः कांस्टेबल की हत्या के बाद उत्पाद टीम पर फिर हमला, जान बचा कर भागी पुलिस

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बिहार

बिहार में शराब माफिया बेखौफ हो गए हैं। छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर हमला कर आरोपियों को छुड़ा लेने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। मुजफ्फरपुर में तो एक उत्पाद सिपाही को धंधेबाजों ने नदी में डुबाकर मार डाला क्योंकि सिपाही ने दो कारोबारियों को पकड़ लिया था। पुलिस प्रशासन और उत्पाद विभाग की कठोर कार्रवाई का दावा कमजोर दिख रहा है। ताड़ी दुकानों में शराब बेचने की सूचना पर शनिवार को मुजफ्फरपुर के कांटी स्थित रामनाथ धमौली पंचायत के सरमस्तपुर गांव में छापेमारी करने गई उत्पाद पुलिस व दुकानदारों के बीच झड़प हो गई। ताड़ी बेचने वाले औ उनके समर्थकों ने उत्पाद पुलिस पर हमला कर दिया। ताड़ी दुकानदारों ने बेवजह परेशान और मारपीट करने का आरोप लगाकर उत्पाद पुलिस की दो गाड़ियों में तोड़फोड़ की। आक्रोशितों रोड़ेबाजी भी की। ताड़ी दुकान से हिरासत में लिए गए एक दुकानदार को उत्पाद पुलिस से मुक्त करा लिया। स्थिति बिगड़ने पर उत्पाद पुलिस जान बचाकर भागी।

कांटी थाना पुलिस ने शांत कराया
स्थानीय लोगों का कहना था कि वे ताड़ी बेचने का काम करते हैं। शनिवार को उत्पाद पुलिस तीन गाड़ियों से आयी। तोड़फोड़ व मारपीट शुरू कर दी। इसमें रेणु देवी, नगीना देवी, मंजू देवी, छह वर्षीय आलोक कुमार व राजकिशोर चौधरी जख्मी हो गए। सभी का उपचार कांटी सीएचसी में हुआ। उत्पाद पुलिस की कार्रवाई के बाद उग्र लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। बाद में कांटी पुलिस मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया। घायल राजकिशोर चौधरी ने कांटी पुलिस से मारपीट की शिकायत की। इधर, हमले में कुछ पुलिसकर्मियों को भी चोट आने की खबर है। उत्पाद अधीक्षक संजय राय ने बताया कि ताड़ी की आड़ में शराब बेचे जाने की सूचना मिली थी। छापेमारी की कार्रवाई के दौरान धंधेबाज अक्सर गलत आरोप लगाते हैं। कांटी थानेदार ने बताया कि हंगामे की सूचना पर कांटी पुलिस गई थी। फिलहाल, किसी ने भी आवेदन नहीं दिया है। आवेदन मिलने पर आगे की कार्रवाई होगी।

पिता को छुड़ाने लगा पुत्र, महिलाओं ने गाड़ी घेरी
घटना के संबंध में उत्पाद अधीक्षक संजय कुमार राय ने बताया कि विशेष छापेमारी अभियान के तहत उत्पाद निरीक्षक पिंकी कुमारी के नेतृत्व में टीम पहुंची थी। ताड़ी बेच रहे एक दुकान पर जुटे लोग भागे। इसमें ताड़ी दुकानदार को पुलिस ने पकड़ लिया। उसे गाड़ी में बैठा लिया। उसका छह वर्षीय पुत्र पिता को छुड़ाने गया। मोहल्ले के लोग भी हंगामा करने लगे। महिलाओं ने गाड़ी को घेर लिया। महिलाओं का कहना था कि विभाग नीरा बेचने के लिए लाइसेंस देता है। उत्पाद टीम का कहना है कि पेड़ उतारने के बाद नीरा को उसी समय बेच देना है। इसे ताड़ी बनाकर बेचना गैर कानूनी है। उत्पाद निरीक्षक कुमार अभिनव ने बताया कि उत्पाद टीम की ओर से कांटी में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। उत्पाद टीम पर हमले के आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
 

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