मिस्र के राष्ट्रपति आज भारत आएंगे, गणतंत्र दिवस के अवसर पर होंगे मुख्य अतिथि
नई दिल्ली
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी आज से 26 जनवरी तक भारत की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। सिसी भारत के 74वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे। उनके साथ पांच मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आएगा। यह पहली बार है कि मिस्र के राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। गणतंत्र दिवस परेड में मिस्र का एक सैन्य दल भी भाग लेगा।
इसके पहले मिस्र के राष्ट्रपति ने अक्टूबर 2015 में तीसरे भारत अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन में भाग लिया था और सितंबर 2016 में भारत का राजकीय दौरा किया था। भारत और मिस्र इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे हैं। वर्ष 2022-23 में भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को 'अतिथि देश' के रूप में भी आमंत्रित किया गया है। जानकारी के अनुसार 25 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में सिसी का औपचारिक स्वागत किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शाम को गणमान्य अतिथियों के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन करेंगी। राष्ट्रपति सिसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पारस्परिक हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर द्विपक्षीय बैठक और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में भाग लेंगे। विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर भी राष्ट्रपति सिसी से मुलाकात करेंगे। सिसी अपनी यात्रा के दौरान भारतीय व्यापार समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे।
भारत और मिस्र के बीच वर्षों से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं जो सभ्यतागत, सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग तथा दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे संबंधों में दिखाई देते हैं। ये बहुआयामी संबंध साझा सांस्कृतिक मूल्यों, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता, रक्षा क्षेत्र में सहयोग तथा क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर समान दृष्टिकोण पर आधारित हैं। दोनों देश बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिलकर काम करते हैं।
भारत और मिस्र के बीच द्विपक्षीय व्यापार ने वर्ष 2021-22 में 7 अरब 26 करोड़ डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल की। मिस्र को 3 अरब 74 करोड़ भारतीय निर्यात और मिस्र से भारत को 3 अरब 52 करोड़ आयात के साथ व्यापार काफी संतुलित था। 50 से अधिक भारतीय कंपनियों ने मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 3 अरब 15 करोड़ डॉलर का निवेश किया है, जिनमें रसायन, ऊर्जा, कपड़ा, परिधान, कृषि-व्यवसाय और खुदरा शामिल हैं। इस यात्रा से भारत और मिस्र के बीच वर्षों पुरानी साझेदारी के और मजबूत होने की उम्मीद है।