नकली नोटों की गड्डी देकर ठगी करने वाले छह सदस्य पुलिस गिरफ्त में
भोपाल
राजधानी के हनुमानगंज इलाके में 70 वर्षीय वृद्ध महिला से जेवर लेकर नकली नोटों की गड्डी देकर ठगी करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को हनुमानगंज पुलिस ने देवास से गिरफ्तार किया है। इस शातिर गिरोह ने हनुमानगंज के अलावा इंदौर, उप्र और बिहार में धोखाधड़ी की 17 वारदातों को अंजाम दिया है। करीब 100 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने के बाद पुलिस आरोपितों तक पहुंची। पुलिस ने उनसे छह लाख रुपये कीमत के सोने-चांदी के जेवर बरामद किए हैं।
पुलिस उपायुक्त रियाज इकबाल ने बताया कि छोला मंदिर निवासी सरजूबाई साहू (70) हनुमानगंज इलाके में सुपारी काटने का काम करती हैं। 19 जनवरी की सुबह 11 बजे वह दुकान पर पहुंचीं तो दुकान बंद थी। तभी दो युवक उनके पास पहुंचे और कहने लगे कि उन्हें सोने के जेवर लेने हैं, लेकिन यह शहर उनके लिए अनजान है। उन्होंने बताया कि उनके पास 500-500 रुपये के नोटों की गड्डी है, जो कपड़े में लिपटी थी। इतनी अधिक रकम देखने के बाद कोई छीन न ले। उन्होंने सरजूबाई को झांसा दिया कि यह रकम आप ले लो और हमें अपने जेवर दे दो। कपड़े में लिपटे नोटों को उन्होंने चार लाख रुपये बताए। सरजूबाई उनके झांसे में आ गई। पास की गली में जाकर दोनों युवकों ने उनका मंगलसूत्र, कान की झुमकी उतरवा लिए। बाद में जब वृद्धा ने कपड़े को खोला तो उसमें नोटों की गड्डी की जगह कागज के टुकड़े निकले। इस पर हनुमानगंज पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।
दिल्ली से आया था गिरोह
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि यह गिरोह दिल्ली से भोपाल के लिए निकला था। मंगलवारा स्थित होटल में फेरी लगाने वाले बनकर दो लोग ठहरे थे। 19 को वारदात करने के बाद गिरोह इंदौर गया, वहां दो दिन में लगातार दो ठगी की वारदातों को अंजाम दिया। इसके बाद उज्जैन पहुंचा। उज्जैन के बाद गिरोह देवास में रुका था। इसके पूर्व आरोपितों ने उप्र में एक और बिहार में 11 ठगी की वारदातों का अंजाम दिया है। हनुमानगंज थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि करीब 100 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने के बाद आरोपितों का सुराग लगा। उन्होंने होटल में अपना आइडी कार्ड लगाया था। इस आधार पर उनकी पहचान लाल सोलंकी (27), शिवा सोलंकी (21), संजू सोलंकी (23), राहुल उर्फ रोहित सोलंकी (19) व देबू सोलंकी निवासी दिल्ली और गोपाल परमार (22) निवासी गाजियाबाद के रूप में हुई। वे गत डेढ़ साल से ठगी कर रहे थे।