दिल्ली सरकार और एलजी के बीच टेंशन बरकरार? एक बार फिर वीकली मीटिंग में नहीं पहुंचे केजरीवाल
नई दिल्ली
दिल्ली में शासन से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच जारी गतिरोध अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। दोनों पक्षों में चल रही इसी खींचतान के बीच शुक्रवार को एक बार फिर सक्सेना और केजरीवाल के बीच निर्धारित साप्ताहिक बैठक नहीं हो सकी। उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल शाम 4 बजे होने वाली बैठक के लिए 'राजनिवास' नहीं आए और इस संबंध में उनके कार्यालय द्वारा कोई कारण नहीं बताया गया। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक अधिकारी ने भी पुष्टि की कि यह बैठक नहीं हुई। उन्होंने इस संबंध में कोई कारण नहीं बताया।
केजरीवाल ने कई मुद्दों पर की है एलजी की आलोचना
बता दें कि, सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव समेत कई अन्य विषयों को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और उपराज्यपाल के बीच गतिरोध बना हुआ है। केजरीवाल के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने कई मुद्दों पर सक्सेना की खुलकर आलोचना की है। दो संवैधानिक पदाधिकारियों के बीच साप्ताहिक बैठकें कई हफ्तों से नहीं हो रही हैं।
केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य 'आप' विधायकों के साथ पिछले महीने राज निवास तक मार्च किया था और एलजी के साथ एक बैठक की मांग की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एलजी ने दिल्ली के शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी। एलजी ने केजरीवाल और सिसोदिया को उनके साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने अन्य 'आप' विधायकों को अपने साथ ले जाने पर जोर देते हुए इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
सक्सेना को लिखे पत्र में, केजरीवाल ने उनके साथ एक बैठक का सुझाव दिया था और पिछले सप्ताह अपने 10 विधायकों और उपमुख्यमंत्री को लाने के लिए कहा था। हालांकि, केजरीवाल ने एलजी के साथ बैठक से खुद को यह कहते हुए अलग कर लिया था कि वह पंजाब में मोहल्ला क्लीनिक का उद्घाटन करने वाले हैं। मुख्यमंत्री और एलजी के बीच आखिरी बैठक 13 जनवरी को हुई थी।