सनातन धर्म की एकता को समर्पित था संत रविदास का जीवन : संभवानन्द महाराज
( अमिताभ पाण्डेय )
भोपाल । महान संत रविदास समस्त सनातन समाज के लिए पूज्यनीय हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन सनातन धर्म के लिए समर्पित किया। सनातन समाज की एकता एकता और पिछड़े , कमजोर वर्ग के लोगों को आगे बढ़ाने के लिए संत रविदास ने जो काम किए , वे सदैव याद रहेंगे। सनातन धर्म के हर व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिले , यह संत रविदास का प्रयास था । उनके प्रयास के कारण ही आज समाज में हर जाति के व्यक्ति को प्रगति का अवसर मिल रहा है। सामाजिक भेदभाव समाप्त हो रहा है। सनातन समाज में सामाजिक एकजुटता बढ़ रही है जिससे हर जाति – वर्ग के लोगों का सामाजिक , आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है।
यह विचार संत रविदास की जयंती के अवसर पर पुण्य स्मरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दंडी स्वामी अनंत विभूषित ब्रह्मलीन स्वामी मोहनानंद आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी संभवानन्द ने प्रकट किए।
इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय संस्कृति के प्रचार – प्रसार को समर्पित सामाजिक संस्था " आत्मीय सभा" द्वारा आयोजित दंडी स्वामी आश्रम मनुआभान टेकरी भोपाल में समारोहपूर्वक किया गया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।
सामाजिक संस्था " आत्मीय सभा " द्वारा आयोजित पुण्य स्मरण समारोह में पीठाधीश्वर स्वामी संभवानन्द ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से सनातन समाज की लगभग सभी जातियों के द्वारा एकजुट होकर भाजपा के पक्ष में मतदान किया जा रहा है। इसका कारण यह है कि भाजपा ने संस्थान धर्म को मजबूत करने के बहुत काम किया है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सनातन धर्म की प्रतिष्ठा को पूरी दुनिया में बढ़ा रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत विश्वगुरू बनेगा। इसके लिए संत समाज उनका अभिनंदन करता है।
स्वामी संभावानन्द ने इस बात पर दुख प्रकट किया कि हिंदू समाज जिस प्रकार से एकजुट होकर भाजपा के पक्ष में मतदान कर रहा है, उससे कुछ विपक्षी पार्टियों की चिंता बढ़ गई हैं। विपक्षी पार्टियों के द्वारा सनातन समाज की एकता को बिगाड़ने के लिए हिंदू समाज की अलग अलग जातियों को भड़काने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ विपक्षी दलों के नेता हिंदू समाज के देवी – देवताओं – धर्मग्रंथों पर बिना सोचे – समझे टिप्पणी कर रहे हैं, जो कि घोर निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि कुछ स्वार्थी नेताओं द्वारा वोट बटोरने के चक्कर में हिंदू समाज की एकता को जाति के आधार पर बांटने की जो कोशिश की जा रही है, वह कभी सफल नहीं होगी।
स्वामी संभवानन्द ने कहा कि संत रविदास की जयंती पर सभी सनातन धर्म के आस्थावान अनुयायी संकल्प लें कि हम सब एकजुट रहेंगे और सामाजिक एकता को तोड़ने का प्रयास करने वालों को नीति – नियम के अनुसार जोरदार सबक सिखाएंगे।
उल्लेखनीय है कि भारतीय संस्कृति के प्रचार – प्रसार को समर्पित सामाजिक संस्था
" आत्मीय सभा " महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि के अवसर पर पुण्य स्मरण समारोह का आयोजन करती रहती है। महापुरुषों के काम को आगे बढ़ाना और सभी धर्मों का सम्मान करते हुए समाज में शांति – प्रगति – एकता के लिए काम करना " आत्मीय सभा" का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए संत समाज के साथ ही समाज के हर वर्ग का सहयोग मिल रहा है। इस सहयोग से ही भारतीय संस्कृति के प्रचार – प्रसार पर केंद्रित आयोजन का सिलसिला लगातार चलता रहता है।