गैस राहत विभाग के चार अस्पतालों में दो सालों से सोनोग्राफी बंद
भोपाल
राजधानी भोपाल के गैस पीड़ित मरीज इन दिनों सोनोग्राफी कराने के लिए परेशान हो रहे हैं। गैस राहत विभाग के चार अस्पतालों में दो सालों से सोनोग्राफी बंद थी। कमला नेहरू अस्पताल और इंदिरा गांधी महिला एवं बाल्य चिकित्सालय में सिर्फ यह सुविधा मिल रही थी वह भी बंद हो गई है। वहीं कमला नेहरू अस्पताल के एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट होने से कम मरीजों की ही सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है। भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन की कार्यकर्ता रचना ढींगरा का कहना है कि राज्य सरकार के सभी छह गैस राहत अस्पतालों में सोनोग्राफी मशीनें होने के बावजूद मरीजों को भटकना पड़ रहा है। खासतौर से प्रसुताओं को ासोनोग्राफी कराने के लिए सुल्तानिया अस्पताल रैफर किया जा रहा है। जबकि मेडिकल पुनर्वास मद में करीब 15 करोड़ की राशि गैस राहत विभाग के पास है, इसके बावजूद डॉक्टरों का इंतजाम नहीं किया जा रहा है।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बेहोशी के डॉक्टर तक नहीं
गैस पीडित संगठन की कार्यकर्ता रचना ढींगरा का कहना है कि सभी गैस राहत अस्पतालों में सर्जरी भी नहीं हो पा रही है क्योंकि विभाग के पास ना तो बेहोशी के डाक्टर है और ना ही सर्जन हैं। कमला नेहरू अस्पताल गैस पीड़ितों का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है लेकिन उसकी हालत डिस्पेंसरी से भी खराब है।
छह अस्पतालों में मशीनें हैं पर चलाने वाले डॉक्टर नहीं
कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल: रेडियोलॉजिस्ट छुट्टी पर होने से 16 मई से सोनोग्राफी बंद।
जवाहर लाल नेहरू गैस राहत अस्पताल: दो सालों से रेडियोलॉजिस्ट नहीं।
इंदिरा गांधी महिला एवं बाल्य चिकित्सालय: डॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया।
पल्मोनरी मेडिसिन सेंटर: दो सालों से रेडियोलॉजिस्ट नहीं।
मास्टर लाल सिंह गैस राहत अस्पताल: दो सालों से रेडियोलॉजिस्ट नहीं।
खान शाकिर अली गैस राहत अस्पताल: दो सालों से रेडियोलॉजिस्ट नहीं।